तुर्की का योरोपीय संघ की नीतियों के ख़िलाफ़ डटने का फ़ैसला, पाबंदियों को बताया ग़ैर क़ानूनी
(last modified Fri, 11 Dec 2020 12:55:46 GMT )
Dec ११, २०२० १८:२५ Asia/Kolkata
  • तुर्की का योरोपीय संघ की नीतियों के ख़िलाफ़ डटने का फ़ैसला, पाबंदियों को बताया ग़ैर क़ानूनी

तुर्की के विदेश मंत्री ने अंकारा के ख़िलाफ़ योरोपीय संघ की पाबंदियों की आलोचना करते हुए इसे ग़ैर क़ानूनी बताया।

मौलूद चाऊश ओग़लू ने शुक्रवार को कहा कि अंकारा चाहता है कि योरोपीय संघ, पूर्वी मेडिटेरेनियन सी विवाद में सही रोल निभाए। उन्होंने कहा कि उनका देश योरोपीय संघ की 10 दिसंबर की बैठक में अपनायी गयी ग़ैर क़ानूनी व दोग़ली रणतीनि को नहीं मानता।

ग़ौरतलब है कि तुर्की ने ऊर्जा के स्रोतों में ख़ास तौर पर गैस का पता लगाने के लिए अपने दक्षिणी तटों ख़ास तौर पर पूर्वी साइप्रस के पूर्वोत्तर और तुर्की – लीबिया के जल मार्ग में खुदाई अभियान शुरू किया है। तुर्की के इस क़दम और यूनान तथा साइप्रस से उसके विवाद की वजह से, योरोपीय संघ के नेताओं ने 10 दिसंबर की बैठक में अंकारा के ख़िलाफ़ पाबंदी का एलान किया।

इसके अलावा योरोपीय संघ लीबिया में तुर्की के सैन्य हस्तक्षेप और आर्मीनिया के साथ क़रेबाग़ विवाद में आज़रबाइजान गणराज्य के साथ अंकारा फ़ोर्सेज़ के भाग लेने से राज़ी नहीं है। क़रेबाग़ जंग के अंजाम के आज़रबाइजान के हक़ में होने के बाद से योरोपीय संघ तुर्की से काफ़ी नाराज़ चल रहा है।

यह ऐसी हालत में है कि तुर्की नैटो संगठन में योरोपीय संघ का एक घटक है और इस संघ की सदस्यता का उम्मीदवार भी समझा जाता है। (MAQ/N)

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