अमेरिका के लिए काला दिन, संसद पर हमले के बाद हुई झड़प में अबतक 4 की मौत, संसद छोड़ भागे सांसद, नाराज़ रिपब्लिकन सांसदों ने ट्रम्प का छोड़ा साथ
(last modified Thu, 07 Jan 2021 05:57:17 GMT )
Jan ०७, २०२१ ११:२७ Asia/Kolkata

अमेरिकी चुनावों में मिली शर्मनाक हार से बौखलाए ट्रम्प लगातार अपनी हार को स्वीकार करने से इंकार कर रहे हैं और आए दिन चुनाम में धांधली का आरोप लगाकार अपने समर्थकों से इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की अपील कर रहे थे। वहीं ट्रम्प के द्वारा लगातार दिए जाने वाले भड़काऊ बयानों के बाद उनकी हार को अस्वीकार करने वाले उनके समर्थकों ने अमेरिका की संसद पर ही चढ़ाई कर दी और उसके अंदर घुस गए।

नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के उदघाटन के कुछ ही दिन पहले राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार को नाटकीय दृश्य देखे गए।

चुनावों में वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की हार को अस्वीकार करने वाले उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते करते कैपिटल बिल्डिंग पर ही धावा बोल दिया। कैपिटल अमेरिका में सत्ता का केंद्र है जहां अमेरिकी संसद की बैठकें होती हैं। वहीं ट्रम्प समर्थकों द्वारा कैपिटल बिल्डिंग पर किए गए हमले को लेकर पूरी दुनिया से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गईं है। ज़्यादातर लोग इसे अमेरिकी लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं और इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं।

इससे पहले ट्रम्प अभियान के कपड़े पहने हुए प्रदर्शनकारी सिर्फ व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन जल्द ही उन्होंने कैपिटल पर चढ़ाई शुरू कर दी। देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ पुलिस और कैपिटल के सुरक्षाकर्मियों से भिड़ कर कैपिटल के अंदर घुस गई। संसद में उस समय सांसदों की बैठक चल रही थी, जिसे बाइडेन और निर्वाचित उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की जीत पर मुहर लगाने के लिए बुलाया गया था।

ट्रम्प समर्थकों के सीनेट के चैम्बर तक पहुंच जाने की वजह से सांसदों की बैठक को बीच में ही रोकना पड़ा और उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स और अन्य सांसदों को वहां से भागना पड़ा। भीड़ तब तक कैपिटल के कई कमरों पर कब्ज़ा जमा चुकी थी, जिनमें स्पीकर नैंसी पेलोसी का कमरा भी शामिल है।

पूरे घटनाक्रम की नाटकीय तस्वीरों में कैपिटल में घुस आए ट्रम्प समर्थकों को पेलोसी के कमरे और अन्य कक्षों में कब्ज़ा जमाते, तस्वीरें खिंचवाते और सामान उठा कर ले जाते हुए देखा जा सकता है। ट्रम्प समर्थक अमेरिकी संसद की इमारत के अंदर कैसे घुसे यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने या तो ख़ुद ही उन्हें अंदर जाने दिया या उन्हें रोकने के पूरे प्रयास नहीं किए।

कुछ ख़बरों में यह भी दावा किया गया था कि वॉशिंगटन के मेयर ने रक्षा मंत्रालय से नेशनल गार्ड भेजने का अनुरोध किया था लेकिन मंत्रालय ने अनुरोध माना नहीं। हालांकि बाद में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने कैपिटल बिल्डिंग और सांसदों को सुरक्षित करने के लिए गोली भी चलाई, जिसमें अभी तक कम से कम चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। वॉशिंगटन पुलिस के अनुसार एक महिला की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई और तीन अन्य की समय पर मेडिकल इमरजेंसी न मिलने की वजह से मौत हुई है। मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार अभी तक 52 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

कैपिटल में घुस आई ट्रम्प समर्थक हिंसक भीड़ को भड़काने के आरोप खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पर लग रहे हैं। उन्होंने बुधवार को ही व्हाइट हाउस के बाहर अपने समर्थकों की एक रैली को संबोधित किया था और कहा था कि "वह कभी भी हार नहीं मानेंगे।" उनके द्वारा सोशल मीडिया पर भी इस तरह के विचार व्यक्त करने के बाद ट्विट्टर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने उनके वीडियो डिलीट कर दिए और उनके खातों को ब्लॉक कर दिया।

पूरे दिन के घटनाक्रमों को देखने के बाद ट्रम्प को तुरंत राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग बढ़ गई है। सुरक्षकर्मी जैसे ही प्रदर्शनकारियों को संसद से बाहर खदेड़ने में कामयाब हुए, संसद की बैठक को फिर से शुरू कर दिया गया।

सांसदों ने हमले की निंदा करने के बाद इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गणना की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया। संसद के दोनों सदनों में रिपब्लिकन सांसदों ने एरिज़ोना राज्य में उनकी पार्टी को मिली हार को पलटने की कोशिश की लेकिन वे हार गए।

हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव में रिपब्लिकन को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा, जबकि सीनेट में उनकी हार और ज़्यादा स्पष्ट रही क्योंकि कैपिटल पर हमले के बाद कई रिपब्लिकन सांसदों ने भी ट्रम्प का साथ छोड़ दिया। (RZ)

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