ईरान की सांस्कृतिक धरोहर-2
हैंडीक्राफ़्ट्स की अलग अलग परिभाषाएं की गई हैं।
हैंडीक्राफ़्ट्स की अलग अलग परिभाषाएं की गई हैं। दहख़ुदा शब्दकोष के अनुसार, जो चीज़ें हाथ से बनाई जाती हैं जैसे कि क़ालीन, कपड़ा, लकड़ी और धातु की चीज़ें इत्यादि। इन चीज़ों को हाथ से और हाथ से बने उपकरणों से बनाया जाता है। इसी प्रकार इंसान की रचनात्मक योग्यता और विभिन्न डिज़ाइन हैंडीक्राफ़्ट्स की दूसरी विशेषता है।
हैंडीक्राफ़्ट्स का उत्पादन घरों और कारख़ानों में होता है। इसी प्रकार यह छोटा सा उद्योग शहरों और गांवों में स्थापित किया जा सकता है। इसमें आधुनिक तकनीक की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि देसी और स्थानीय तकनीक का इसमें प्रयोग होता है। इसमें प्रयोग होने वाला कच्चा माल हर देश और इलाक़े में उपलब्ध हो जाता है। इसके अलावा हैंडीक्राफ़्ट्स को प्रयोग भी किया जा सकता है और कला के रूप में उससे लाभ भी उठाया जा सकता है। इससे उत्पादनकर्ता की नज़र, रूची, सलीक़े और संस्कृति का भी पता चलता है, इसी कारण उसे कलात्मक उद्योग कहा जाता है।
बड़ी मात्रा में कच्चे माल की देश के भीतर उपलब्धि, उत्पादों का एक दूसरे के समान न होना और उनका कला के रूप में प्रयोग होना हर संस्कृति एवं सभ्यता में विशेषता के रूप में देखा जाता है।
हैंडीक्राफ़्ट्स के अधिकांश क्षेत्रों में बहुत जटिल उपकरणों और अधिक निवेश की ज़रूरत नहीं होती है। इसमें उत्पादनकर्ता की रूची, प्रतिभा और अनुभव अहम होता है। कारख़ानों की स्थापना में आसानी, रोज़गार सृजन करना और उत्पादों के विभिन्न प्रकार के प्रयोग इस उद्योग की अन्य विशेषताएं हैं।
हैंडीक्राफ़्ट्स के विषय पर सांस्कृतिक रूप से भी ध्यान दिया जाता है। उदाहरण स्वरूप, वैश्वीकरण के दौर में राष्ट्रीय पहचान की सुरक्षा के साथ साथ हैंडीक्राफ़्ट्स को समस्त संस्कृतियों में विस्तृत किया जा सकता है। इस प्रकार, भविष्य में सफ़लतापूर्वक अपने अस्तित्व को बाक़ी रखना उस वैश्वीकरण में संभव हो सकेगा कि जिसमें हैंडीक्राफ़्ट्स के साथ ही समस्त स्थानीय मूल्यों एवं कलाओं को सुरक्षित रखा जा सके।
आज हैंडीक्राफ़्ट्स, संयुक्त मानवीय धरोहर के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृती, कला और अर्थव्यवस्था को निकट लाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि हैंडीक्राफ़्ट्स का प्रसार और व्यापार आज के समाज की ज़रूरतों को मद्देनज़र रखकर किया जाना चाहिए और उसके मूल रूप की सुरक्षा के साथ नई नस्ल की रचनात्मक योग्यता में उसे रुकावट नहीं बनना चाहिए।
18वीं शताब्दी के मध्य में औद्योगिक क्रांति का उदय इतिहास की बड़ी घटनाओं में से माना जाता है। इस क्रांति के कारण हैंडीक्राफ़्ट्स के उद्योग में अचानक बड़ा परिवर्तन हुआ और बहुत से उद्योग बंद हो गए। उसके बाद से सरकारों द्वारा इन उद्योगों के समर्थन या उपेक्षा के कारण इनका विकास भी प्रभावित हुआ।
उदाहरण स्वरूप, भारत में 1 करोड़ से अधिक लोगों का जीवन हैंडीक्राफ़्ट्स के उद्योग पर निर्भर था और भारत की कुल आय का 14 प्रतिशत इस प्रकार प्राप्त होता था। लेकिन यूरोपीय देशों में यह स्थिति बहुत अलग और उनकी राष्ट्रीय आय में हैंडीक्राफ़्ट्स की भूमिका बहुत कम है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर हैंडीक्राफ़्ट्स का व्यापार चौदह से साढ़े चौदह अरब डॉलर के बीच में होता है। इसमें से 4 अरब डॉलर राशि केवल क़ालीन के व्यापार से विशेष है। चीन 5 अरब डॉलर के हैंडीक्राफ़्ट्स का निर्यात करके विश्व का पहला देश है। कई देशों में हैंडीक्राफ़्ट्स से होने वाली आय में 16 से 18 प्रतिशत तक की वृद्धि हो रही है, जबकि ईरान में यह 12 प्रतिशत है।
हैंडीक्राफ़्ट्स के उद्योग को गांव और शहर के उद्योगों में बांटा जा सकता है। यह दोनों ही उद्योग घरों और कारख़ानों में संचालित किए जा सकते हैं। इस प्रकार, शहर और गांव के लोग इससे आय अर्जित कर सकते हैं और कला का अपना शौक़ पूरा कर सकते हैं। हालांकि गांव के लोगों के लिए हैंडीक्राफ़्ट्स का महत्व अधिक होता है और यह उनके लिए फ़सलों के बीच के समय में और ख़ाली समय में आय अर्जित करने का स्रोत होता है। हैंडीक्राफ़्ट्स के विशेषज्ञों का कहना है कि गांवों में इस कला के प्रसार से गांव वालों का शहर की ओर पलायन भी कम हो सकता है और वे आर्थिक रूप से मज़बूत बन सकते हैं।
विकसित तथा विकासशील देशों के शहरों और गांवों की महिलाओं के कार्यों की हमेशा ही उपेक्षा की जाती रही है। स्थानीय बाज़ारों, कारख़ानों और परिवार में महिलाओं की गतिविधियों की आर्थिक आयाम से उपेक्षा की जाती है। हालांकि सामाजिक मामलों के अध्ययन से पता चलता है कि महिलाएं सक्रिय उत्पादक रही हैं और विश्व की अर्थव्यवस्था में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। विकासशील देशों के गांवों की महिलाएं गांव की अर्थव्यवस्था में बुनियादी भूमिका निभाती हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि हैंडीक्राफ़्ट्स के क्षेत्र में ईरानी महिलाएं जैसे कि क़ालीन की बुनाई और चटाई की बुनाई में खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक सक्रिय हैं और इस क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं सक्रिय हैं। महिलाओं की इन गतिविधियों से उनके परिवार की आय में वृद्धि होती है और शहरों की ओर पलायन में कमी आती है।
इन विशेषताओं के बावजूद, हैंडीक्राफ़्ट्स आधुनिक उद्योग के लिए न प्रतिद्वंदवी है और न ही उसके मार्ग में रुकावट, बल्कि इसे अर्थव्यवस्था के विकास में उसका सहयोगी माना जा सकता है।
ईरान में कच्चा माल अधिक मात्रा में उपलब्ध होने के कारण हैंडीक्राफ़्ट्स का लम्बा इतिहास है। विविध प्रकार के हैंडीक्राफ़्ट्स उद्योग के कारण इसकी ओर काफ़ी संख्या में लोग आकर्षित होते हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, ईरान में एक करोड़ लोग इस उद्योग में व्यस्त हैं और अपनी आय का कुछ या कुल भाग इसी मार्ग से अर्जित करते हैं।
ईरान में हैंडीक्राफ़्ट्स के उद्योग में 20 काम शामिल हैं और उन्हें तीन भागों में बांटा जा सकता है। कलात्मक हैंडीक्राफ़्ट्स, कलात्मक एवं इस्तेमाल होने वाले हैंडीक्राफ़्ट्स और इस्तेमाल होने वाले हैंडीक्राफ़्ट्स।
कलात्मक हैंडीक्राफ़्ट्स में वह कार्य एवं चीज़ें शामिल हैं कि जो केवल कला के उद्देश्य से बनाए जाते हैं और उनका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मिनियेचर और सोने पर होने वाले कार्यों को इसमें शामिल किया जा सकता है।
कलात्मक एवं इस्तेमाल होने वाले हैंडीक्राफ़्ट्स में सामान्य रूप से वे चीज़ें शामिल होती हैं कि जिनका कला के रूप में महत्व तो होता ही है, लेकिन उन्हें प्रयोग भी किया जाता है। जैसे कि क़ालीन, चटाई और शीशे पर होने वाले कार्य को इस भाग में शामिल किया जा सकता है। इस्तेमाल होने वाले हैंडीक्राफ़्ट्स ऐसे उत्पाद हैं कि जिनका कला के रूप में बहुत कम महत्व होता है, लेकिन उनके इस्तेमाल के आयाम को अधिक मद्देनज़र रखा जाता है। जैसे कि मिट्टी के बरतन और, टाईल्स, बुनाई की चीज़ें, स्थानीय वस्त्र और चटाई इत्यादि के उत्पादों को इस भाग में रखा जा सकता है। इनमें से हर प्रकार के हैंडीक्राफ़्ट्स के अंतर्गत दसियों उत्पाद आते हैं। (SM)
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