तकफ़ीरी आतंकवाद-33
2011 में सऊदी अरब, क़तर, तुर्की, यूएई और कुछ अन्य देशों के समर्थन से रियाज़ुल असअद के नेतृत्व में सीरियाई सेना से अलग होकर सशस्त्र गुट जैशुल हुर या फ़्री सीरियन आर्मी का गठन हुआ।
सीरियाई क्रांति के मोर्चे के नाम से पहचाने जाने वाले सशस्त्र गुटों में अधिकांश संख्या जैशुल हुर के आतंकवादियों की है। इनमें से अलफ़ारूक़, अलफ़ारूक़ुल इस्लामी, लवाए तौहीद, लवाए अलफ़तह, लवाए अलइस्लाम, सक़ूरुश्शाम और मजलिसे स्वारे दैरुज़्ज़ूर की ओर संकेत किया जा सकता है।
हालांकि रियाज़ुल असअद के घायल होने या हताहत होने के बारे में विरोधाभासी ख़बरें मिली हैं। फ़्री सीरियन आर्मी की संयुक्त समिति ने 2014 के शुरू में अब्दुल्लाह अलबशीर को फ़्री सीरियन आर्मी का कमांडर नियुक्त किया था। सऊदी अरब, यूएई, क़तर और उनकी समर्थक मीडिया, फ़्री सीरियन आर्मी के आतंकवादियों को क्रांतिकारियों का नाम देती है। इस गुट के क़ब्ज़े में इदलिब, दमिश्क़ के उपनगरीय इलाक़े, हलब, हमाह और दैरुज़्ज़ूर हैं। हालांकि इन इलाक़ों पर कभी उनका क़ब्ज़ा होता है तो कभी वह उनके हाथ से निकल जाते हैं। दाइश जैसे चरमपंथी गुटों के सीरिया संकट में कूदने के कारण, तथाकथित फ़्री सीरियन आर्मी की भूमिका सीमित हो गई और इन गुटों के साथ टकराव एवं झड़पों के कारण उसके कई इलाक़े हाथ से निकल गए। फ़्री सीरियन आर्मी के आतंकवादियों ने शुरू से ही आम नागरिकों और सैनिकों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किए और अपने क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में साम्प्रदायिकता के आधार पर लोगों को सज़ाए दीं, इसी प्रकार उन्होंने लोगों का अपहरण किया और चोरियां कीं। सीरिया में आतंकवादी गुट कभी एकजुट होते हैं तो कभी उनमें फूट पड़ जाती है। ऐसा ही एक गुट सीरिया में अल-क़ायदा की शाख़ा जैशुल फ़तह है। कहा जाता है कि इस गुट के लगभग 4 हज़ार सदस्य हैं। 24 मार्च 2015 को 7 सशस्त्र गुटों ने एकजुट होकर जैशुल फ़तह का गठन किया, जो एक संयुक्त कमान के नेतृत्व में लड़ रहे हैं।
नुस्रा फंट जैशुल फ़तह का गठन करने वाला सबसे महत्वपूर्ण आतंकवादी गुट है। इसके अलावा, अहरारुश्शाम, जुन्दुल अक़सा, जैशुस्सुन्नाह, फ़ीलक़ुश्शाम, लेवाएल हक़ और अजनादुश्शाम इसमें शामिल हैं। जैशुल फ़तह के आतंकवादी ख़ुद को उदार विरोधी दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं, हालांकि इस गुट की वास्तविकता यह है कि वैचारिक रूप से यह अल-क़ायदा के नेटवर्क का एक भाग है। नुस्र फ़्रंट के सरग़ना अबू मोहम्मद जूलानी ने 2013 में स्पष्ट रूप से अलक़ायदा के सरग़ना अयमन ज़वाहेरी से वफ़ादारी का एलान किया था।
आतंकवादी गुट जैशुल फ़तह को सऊदी अरब, क़तर और तुर्की का व्यापक समर्थन प्राप्त है। जैशुल मुजाहेदीन वल अंसार सीरिया में एक अन्य तकफ़ीरी आतंकवादी गुट है। इस आतंकवादी गुट का गठन मार्च 2013 में हुआ। विभिन्न देशों के सैकड़ों आतंकवादी इस गुट के सदस्य हैं। इसके अधिकांश सदस्य उत्तरी काकेशिया के नागरिक हैं। जैशुल मुजाहेदीन वल अंसार आतंकवादी गुट विशेष रूप से हलब शहर और हमाह एवं लाज़ेक़िया के कुछ इलाक़ों में सक्रिय है। इस आतंकवादी गुट का सरग़ना चेचेन्याई आतंकवादी उमर अल-शीशानी है। उमर विभिन्न आत्मघाती हमलों की योजना बना चुका है। हरकतुल अहरारिश्शाम एक अन्य तकफ़ीरी आतंकवादी गुट है। यह गुट 4 आतंकवादी गुटों जमाअतुत्तलीआ अलइस्लामिया, हरकतुल फ़ज्रिल इस्लामिया, कतायबुल ईमान और कतायबुन अहरारुश्शाम से मिलकर बना है। यह आतंकवादी गुट इदलिब, हलब और हमाह में सक्रिय है। हरकतुल अहरारिश्शाम वैचारिक एवं रणनीतिक रूप से नुस्रा फ़्रंट के बहुत निकट है। एक अन्य आतंकवादी गुट सीरिया की आज़ादी का इस्लामी फ़्रंट है। इस गुट का गठन सितम्बर 2012 में हुआ था। यह 20 सशस्त्र आतंकवादी गुटों से मिलकर बना है। इस गुट में मुस्लिम ब्रदरहुड से निकट गुट शामिल हैं, इस मोर्चे का सबसे महत्वपूर्ण आतंकवादी गुट हलब स्थित तौहीद गुट है।
इसी प्रकार कुछ स्वाधीन तकफ़ीरी आतंकवादी गुट, जैसे कि होम्स और तुर्की की सीमा से लगे इलाक़ों में सक्रिय अल-फ़ारूक़ बटालियन, इस मोर्चे से जुड़े हुए हैं। इस मोर्चे से जुड़े कुछ आतंकवादी गुट तथाकथित फ़्री सीरियन आर्मी के संपर्क में हैं और यह आतंकवादी गुट उनका समर्थन करता है। सीरिया में तकफ़ीरी-जेहादी गुटों के विशेषज्ञ हारून लौंड के अनुसार, सीरिया की आज़ादी का इस्लामी फ्रंट गुट एक महत्वपूर्ण तकफ़ीरी आतंकवादी गुट है। आतंकवादी गुट ओक़ाबहाए शाम, तौहीद बटालियन और अलफ़तह बटालियन इस फ़्रंट के नेतृत्व में सक्रिय हैं।
सीरिया इस्लामी फ़्रंट, सीरिया में सक्रिय एक तकफ़ीरी आतंकवादी गुट है। इस गुट का गठन दिसम्बर 2012 में हुआ। सीरिया में एक छोटा तकफ़ीरी आतंकवादी गुट होने के बावजूद, यह सीरिया की आज़ादी के इस्लामी फ्रंट गुट से अधिक संगठित है। इसके आतंकवादी सीरिया के विभिन्न इलाक़ों में फैले हुए हैं, इस गुट का नेतृत्व अहरारुल इस्लामी शाम आतंकवादी गुट करता है। उत्तरी सीरिया के इदलिब प्रांत में तफ़ताज़ सैन्य हवाई अड्डे पर हमलों में सीरिया इस्लामी फ़्रंट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस गुट का उद्देश्य सीरिया में इस्लामी शासन की स्थापना करना है। अरब और पश्चिमी नागरिक इस गुट के सदस्य हैं। हालांकि इसके प्रमुख नेता सीरियाई हैं और उनका दावा है कि यह गुट स्वाधीन है। अहरारुल इस्लामी शाम आतंकवादी गुट ने 2011 में हस्सान अबूद के नेतृत्व में 15 से 20 हज़ार इराक़ी और सीरियाई आतंकवादियों के साथ इराक़ी सीमा से लगे इदलिब प्रांत में आतंकवादी गतिविधियां शुरू कीं। इस गुट ने शुरू में सीरियाई सेना के हथियारों के गोदामों पर हमले करके ख़ुद को सशस्त्र किया और उसके बाद इराक़ी आतकंवादियों द्वारा हथियार ख़रीदना शुरू कर दिए। इराक़ी आतंकवादियों के अनुभवों से लाभ उठाकर उस गुट ने दमिश्क़, हलब और होम्स जैसे सीरियाई शहरों में आत्मघाती एवं कार बम धमाकों की नींव रखी। वर्तमान समय में यह आतंकवादी गुट रक्क़ाह प्रांत में स्थित है, जो पूर्ण रूप से दाइश के क़ब्ज़े में है। इसी प्रकार से यह हलब के पूरबी इलाक़े में स्थित है। तुर्की की सीमा से लगे इलाक़ों पर क़ब्ज़ा होने के कारण यह आतंकवादी गुट नए विदेश आतंकवादियों को ट्रेनिंग देता है। सीरिया में अनेक आतंकवादी गुट सक्रिय हैं। पश्चिमी सरकारों और सऊदी अरब, तुर्की और क़तर जैसे उनके क्षेत्रीय घटकों ने सीरिया में संकट उत्पन्न करके इस देश को आतकंवादी गुटों का अड्डा बना दिया है।