Sep १७, २०१७ १५:०३ Asia/Kolkata

‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड या जलमय क्षेत्र महाबाद का दूसरा अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड क्षेत्र है जो रामसर कन्वेन्शन में पंजीकृति है।

ईरान में वेटलैंड को तालाब कहते हैं। ईरान के पश्चिमोत्तर में स्थित पश्चिमी आज़रबाइजान प्रांत पर्यटन आकर्षणों से समृद्ध है। यह प्रांत अपनी सुंदर प्रकृति, वन्य जीव और ऐतिहासिक इमारतों से संपन्न होने के कारण ईरान के उन क्षेत्रों में से एक है जहां पर्यटकों का तांता बंधा रहता है। इन आकर्षणों में से किसी एक तक पहुंचने के लिए अगर आप प्रांत के केन्द्र उरूमिये शहर से मियानदोआब की ओर आगे बढ़ें तो दारलक बाइपास से होकर दारलक पुल तक पहुंचेंगे। यह पुल महाबाद नदी के ऊपर बना है। महाबाद नदी इस प्रांत के दक्षिण में है। इस पुल को पार करने के बाद नदी के तट के समानांतर 9 किलोमीटर चलने के बाद कच्ची सड़क पर पहुंचेंगे। इस सड़क पर 10 किलोमीटर चलने और क़रेदाग़ नामक गांव और उसके सामने स्थित टीलों को पार करके महाबाद ज़िले की एक ऐसी वेटलैंड तक पहुंचेंगे जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड है। इस वेटलैंड को स्थानीय लोग ‘कानी बराज़ान’ कहते हैं। यह ईरान का 24वां जलयम क्षेत्र है जो अंतर्राष्ट्रीय रामसर कन्वेंशन में पंजीकृत है। महाबाद के पर्यावरण विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह 100 साल पुराना है। क़रेदाग़ गांव के वृद्ध लोगों के अनुसार ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड पुराने ज़माने में नरकुलों से भरा पड़ा था और इसमें जंगली सूअर रहते थे। किसी प्रकार के पक्षी उसमें दिखाई नहीं देता था। क़रेदाग़ ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड के निकट स्थित है। अब 100 साल गुज़रने के बाद इस वेटलैंड में जंगली सूअर का कोई निशान नहीं है। सिर्फ़ पक्षी इस वेटलैंड के ऊपर उड़ान भरते नज़र आते हैं। इस तरह का भी वर्णन मिलता है कि ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड नाम इसलिए पड़ा क्योंकि कुर्दी ज़बान में बराज़ान का अर्थ होता है जंगली सूअर। इस वेटलैंड में जंगली सूअर रहने के कारण इसे कानी बराज़ान कहा जाने लगा।     

Image Caption

 

महाबाद नदी जो इसी नाम के बांध से निकलती है,  ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड को जमलय करती हुयी उरूमिये झील की ओर बढ़ती है। इस तालाब के जलस्रोतों में ‘बफ़रवान’ नहर भी है। जब उरूमिये झील का जलस्तर बढ़ जाता है तो इसी नहर के ज़रिए इस जलमय क्षेत्र में पानी पहुंचता है। इस वेटलैंड में पानी का जलस्तर उरूमिये झील के जलस्तर पर निर्भर करता है। जब उरूमिये झील का जलस्तर बढ़ा होता है तो ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड में जलस्तर बढ़ा रहता है और जब उरूमिये झील का जलस्तर नीचे चला जाता है तो ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड का जलस्तर भी नीचे चला जाता है। उरूमिये झील में ज्वार के कारण इसका खारा पानी कभी भी इस वेटलैंड के जीव जन्तु के लिए ख़तरनाक हो जाता है। हालिया वर्षों में उरूमिये झील का जलस्तर बढ़ते बढ़ते इतना अधिक हो गया है कि इसका खारा पानी ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड के मीठे पानी में मिल गया है जिससे तालाब का पानी खट-मिट्ठा हो गया है। इसके कारण वेटलैंड का मीठा पानी हल्के होने की वजह से ऊपर रहते हुए समुद्र की ओर बहता है जबकि खारा पानी भारी होने की वजह से वेटलैंड की ओर बहता है। इस प्रक्रिया का ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड पर ऐसा प्रभाव पड़ा है कि इस वेटलैंड की तलछट और वनस्पतियों के प्रकार बदल गए हैं।

‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड में साल के हर मौसम में जंगली और दुर्लभ पक्षियों का नज़ारा किया जा सकते है। यही कारण है कि 900 हेक्टर से ज़्यादा क्षेत्र पर फैली यह वेटलैंड ईरान के अन्य जलमय क्षेत्र की तुलना में विशेष अहमियत रखता है। इस वेटलैंड में पक्षियों को देखने के लिए मीनार बनायी गयी है जिसके ज़रिए पर्यटक पक्षियों का नज़ारा कर सकते हैं। इस वेटलैंड में सारस, कूट या बत्तख़ की तरह का जल पक्षी, पोचर्ड बत्तख़, सफ़ेद सिर वाली बत्तख़, सुर्मई रंग वाला बगुला, टिटिहरी, चैता, छोटा जलकौवा, राजहंस और पनडुब्बियां पायी जाती हैं।      

Image Caption

 

              

अप्रैल के महीने में पक्षियों का ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड की ओर पलायन शुरु होता है। ‘कानी बराज़ान’ वेटलैंड की उचित स्थिति के कारण पलायनकर्ता पक्षी इसमें घोंसले बनाते और अंडे देते हैं। इस वेटलैंड में मौजूद पलायनकर्ता पक्षियों में फ़्लैमिंगो भी है। उचित निवासस्थान, सुरक्षा, पर्याप्त मात्रा में भोजन और वेटलैंड के पानी की उचित गहरायी के कारण बड़ी संख्या में फ़्लैमिंगो कानी बराज़ान सहित प्रांत की दूसरी जलमय भूमि की ओर रुख़ करते हैं। फ़्लैमिंगो ऐसा सुदंर पक्षी है जिसके पैर लंबे, चोंच घुमावदार और गर्दन लंबी व झुकी होती है। पानी में रहने वाला यह पक्षी सफ़ेद व गुलाबी रंग का होता है और बहुत धीरे धीरे चलता है। यह पक्षी अपनी चोंच से कम गहरे पानी में वनस्पति और घोंघे से अपना भोजन हासिल करता है।

इस वेटलैंड में सुर्मई रंग का हंस भी रहता है। साइबेरिया और कॉकेशिया में जब कड़ाके की ठंड पड़ती है तो ये हंस अपने निवास स्थान को छोड़कर, अपेक्षाकृत गर्म स्थान की ओर सामूहिक रूप से पलायन करते हैं। पलायन के दौरान ये हंस कानी बराज़ान वेटलैंड में उतरते हैं। अगर मौसम ठंडा होता है तो दक्षिणी ईरान के वेटलैंड की ओर पलायन करते हैं वरना महाबाद के पर्वतीय क्षेत्र की संतुलित जलवायु में कानी बराज़ान वेटलैंड में उतर जाते हैं। सुर्मई रंग के हंस इस वेटलैंड के कम गहरे वाले भाग में ठहरते हैं। दिन में ये हंस मैदानी इलाक़ों पर उड़ान भरते हैं और सूरज डूबने के समय आराम करने के लिए इस वेटलैंड की ओर पलट आते हैं। जिस समय सभी पक्षी एक साथ बोलते हैं तो उनकी मधुर आवाज़ एक दूसरे से मिल कर बहुत ही मनमोहक संगीत का मज़ा देती है।    

Image Caption

 

    

महाबाद की कानी बराज़ान वेटलैंड ईरान के इको पर्यटन के महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक है। हर साल विभिन्न महीनों में बड़ी संख्या में प्रकृति और ख़ास तौर पर पक्षियों में रूचि रखने वाले पर्यटकों का इस वेटलैंड की ओर तांता बंधा रहता है।

 

टैग्स