ईरानी संस्कृति और कला- 25
प्राचीन समय में बसे हुए बड़े शहरों में कहीं कहीं बाज़ार इस तरह बनाए गए कि आज भी वहां लेन-देन होता है और उसकी पारंपरिक संरचना कुछ हद तक अब भी सुरक्षित है।
ईरान के केन्द्र में स्थित शीराज़ शहर के वकील बाज़ार ईरान के इतिहास में सबसे मशहूर पारंपरिक बाज़ारों में है। यह बाज़ार करीम ख़ान ज़न्द के आदेश से वर्ष 1766 ईसवीं में बना और आज भी यह शीराज़ शहर के केन्द्र में मौजूद है। इस मशहूर बाज़ार में मस्जिद और हम्माम भी हैं जिनके बारे में अगले कार्यक्रमों में आपको बताएंगे।
बाज़ारे वकील या वकील बाज़ार करीम ख़ान ज़न्द के काल की बेहतरीन रचनाओं में है, जो अभी भी बाक़ी बची हुयी है। इस बाज़ार की डीज़ाइन बहुत ही सुदंर है। कहते हैं कि करीम ख़ान ज़न्द ने लार शहर के प्राचीन बाज़ार को देखने के बाद शीराज़ के बाज़ारे वकील या वकील बाज़ार का नक़्शा पेश किया था। इतिहास में है कि इस बाज़ार में देश विदेश की वस्तुओं का लेन-देन, क्रय विक्रय और मुद्रा विनिमय सहित सभी वाणिज्यिक गतिविधियां होती थीं। वास्तव में वकील बाज़ार शीराज़ शहर की धड़कन रहा है।
यह बाज़ार इस्फ़हान गेट के निकट से शुरु होकर शीराज़ शहर के केन्द्र तक गया है। इस बाज़ार की संरचना इस तरह है कि सड़क के दोनों ओर चौड़े चौड़े चबूतरे पर दुकानें बनी हुयी हैं। इस बाज़ार की छत में निर्धारित दूरी पर ईंट के गुंबद बने हुए हैं। इन गुंबदों की संख्या 74 है। मुख्य बाज़ार से दूसरे छोटे छोटे बाज़ार जुड़े हुए हैं। इस बाज़ार के निर्माण में खड़िया, ईंट और चूने का मसाला इस्तेमाल हुआ है। बाज़ार में चौराहे छतदार हैं। चौराहे की छतें ईंटों की हैं और उन पर टाइल का काम हुआ है। ये छतें बहुत ऊंची हैं।
बाज़ारे वकील के विभिन्न भागों में जो चीज़ें बिकती हैं, उन्हीं के अनुसार उनका नाम है। जैसे कपड़ा बाज़ार, बिलौरी शीशों का बाज़ार, दर्ज़ियों का बाज़ार, तलवार बनाने वालों का बाज़ार और टोपी सीने वालों का बाज़ार इत्यादि।
फ़ुर्सतुत दोला शीराज़ी ने “आसारे अजम” नामक किताब में वकील बाज़ार का इन शब्दों में वर्णन किया हैः “बाज़ारे वकील, वकील नामक मस्जिद के निकट स्थित बाज़ारों में से एक है। इसके निर्माण में ईंट और खड़िये का इस्तेमाल हुआ है। ईरान में बहुत कम ऐसे बाज़ार होंगे जो इस शैली में बने और मज़बूत हों। बाज़ार में विभिन्न प्रकार की चीज़ों के क्रय विक्रय के लिए निर्धारित क्षेत्रफल है जहां व्यापारी लेन-देन व क्रय विक्रय में व्यस्त हैं। सबसे ज़्यादा टोपी सीने वाले हैं। बाज़ार की ज़्यादातर दुकानें टोपी सीने वालों की हैं।”
वकील बाज़ार की चौड़ाई अन्य बाज़ारों से ज़्यादा है। इस बाज़ार की छत की ऊंचाई लगभग 11 मीटर है। यह ईरान में सबसे ऊंचा छतदार बाज़ार है। वास्तुकला की नज़र से इस बाज़ार के तीन हिस्से हैं। एक हिस्सा ग्राहकों की आवाजाही से विशेष, दूसरा सड़क की सतह से ऊपर दुकानों का और तीसरा दुकान के भीतर की जगह। वकील बाज़ार की डिज़ाइन इस तरह की गयी है कि एक हिस्सा उत्तर से दक्षिण तक और दूसरा हिस्सा पूरब से पश्चिम तक फैला हुआ है। बाज़ार का मुख्य चौराहा छतदार है जिसे स्थानीय लोग “चहार सूक़” कहते हैं। इस चौराहे में बड़े बड़े ताक़ बने हुए हैं और गुंबद के खंबों में ईंटों का बहुत सुंदर काम किया गया है। इस बाज़ार को आर्द्रता से सुरक्षित रखने के लिए दुकानों को ज़मीन की सतह से 1 मीटर ऊपर बनाया गया है। ज़्यादातर दुकानें दो मंज़िला हैं और उनमें भंडार कक्ष भी है।
वकील बाज़ार में मनोरंजन की भी सुविधा है। चौराहे पर संग मरमर का हौज़ बना है जिसके पानी की आपूर्ति भूमिगत स्रोत से होती है। विगत में दूर दूर तक बाज़ार ठंडा रहता था और लोग थोड़े समय के लिए आराम करते थे ताकि फिर से ताज़ा दम हो सकें। पानी की नालियां ईंट और राख व चूने के मिश्रण के विशेष मसाले से बनी हैं, बाज़ार के दालान के कुछ भाग में बहता हुआ पानी छोटी धारा की तरह लगता है।
इस बाज़ार में वेन्टिलेशन का सिस्टम बहुत ही अच्छा है कि जिसमें छत की अधिक ऊंचई और जगह जगह पर छत में खुले हुए रौशनदानों का बहुत बड़ा रोल है। आज भी यह रौशनदान मौजूद हैं जिनमें जंगले लगे हुए हैं। रौशनदानों के खुले होने की वजह से बाज़ार में हवा और रौशनी फैली रहती है। इन रौशनदानों को स्थानीय लोग हूर नूर या जामख़ाना कहते हैं।
शीराज़ का वकील बाज़ार ईरान के पुरातन अवशेषों में शामिल है और इस शहर के दर्शनीय स्थलों में इसकी गिनती होती है। इस बाज़ार को देखे बिना सैलानियों की सैर अधूरी समझी जाती है। हर साल बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक वकील बाज़ार और इसमें स्थित मस्जिद और हम्माम देखने आते हैं।
शीराज़ में बहुत सी चीज़े दर्शनीय हैं, लेकिन कार्यक्रम के इस भाग में हम आपको पूर्वोत्तरी ईरान के पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के बारे में बताना चाहते हैं। तबरीज़ शहर इस प्रांत का केन्द्र है और ईरान के सबसे पुराने शहरों में से एक है। तबरीज़ शहर के केन्द्र में एक बड़ा बाज़ार है। तबरीज़ का बाज़ार दुनिया में सबसे बड़ा छतदार बाज़ार है। आपको इस बाज़ार के बारे में बताने जा रहे हैं।
तबरीज़ प्राचीन सिल्क रोड के किनारे स्थित शहर है। यह शहर प्राचीन समय से सुदूर पूर्व और योरोप के बीच वस्तुओं के क्रय विक्रिय का केन्द्र रहा है। इस बाज़ार का दुनिया के बहुत से पर्यटकों ने अपने यात्रा वृत्तांत में वर्णन किया है।
मशहूर फ़्रांसीसी पर्यटक जान शार्डन ने तबरीज़ को एशिया के सबसे अच्छे बाज़ार से समृद्ध शहर कहा है। वह तबरीज़ के बाज़ार में बने गुंबदों और ताक़ों के सौंदर्य को सम्मोहित करने वाला बताते हुए बाज़ारे क़ैसरिया नामक भाग को तबरीज़ बाज़ार का सबसे अच्छा भाग मानते हैं।
आठवीं हिजरी बराबर 14वीं ईसवी के मशहूर इतिहासकार व भूगोलवेत्ता हम्दुल्लाह मुस्तौफ़ी ने तबरीज़ शहर में अनाज व फलों की भरमार का वर्णन करते हुए इस शहर के लोगों को व्यापारी व धनवान कहा है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि उस दौर के अहम शहरों में तबरीज़ था और इसका दर्शनीय स्थल इसका बाज़ार है।
तबरीज़ के बाज़ार को ईरानी वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों में गिना जाता है। इसका निर्माण इस्लाम के आरंभिक दौर में हुआ है, लेकिन अपने पूरे इतिहास में यह मौजूद रहा है। बाज़ार 11 बार भूकंप से प्रभावित हुआ और इसे नुक़सान पहुंचा। जब भी इस बाज़ार के किसी भाग को नुक़सान पहुंचा लोगों और शासकों ने उसका पुनर्निर्माण करवाया।
तबरीज़ के बाज़ार की मुख्य सड़क लगभग एक किलोमीटर लंबी और इसे दुनिया का सबसे बड़ा छतदार व्यापारिक केन्द्र समझा जाता है। इस बाज़ार में प्लास्टर आफ़ पेरिस के काम से सुशोभित गुंबद और ताक़ हैं कि जिनमें सुंदर चित्र बने हुए हैं। इन सब चीज़ों ने इसे इस्लामी जगत में वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों में जगह दी है क्योंकि दुकानों के दरवाज़ों पर बनी डिज़ाइन व डेकोरेशन, दुकानों की बहुतायत और वहां विविधतापूर्ण पेशे, ये सबके सब इस शहर में कला, संस्कृति और सामाजिक जीवन में तरक़्क़ी को दर्शाते हैं।
इस बाज़ार में सराय के साथ साथ बड़ी तादाद में स्कूल और मस्जिदों की उपस्थित इस शहर के लोगों के निकट ज्ञान व धर्म की अहमियत को दर्शाती हैं।
इस बाज़ार का सबसे बड़ा गुंबद मुज़फ़्फ़रिया तीमचे का गुंबद है। तीमचे बड़े बाज़ार के उस भाग को कहते हैं जहां किसी विशेष चीज़ का क्रय विक्रय होता है। मुज़फ़्फ़रिया बाज़ार अभी भी ईरान में क़ालीन के क्रय विक्रय के सबसे बड़े गढ़ में गिना जाता है। तबरीज़ के क़ालीन अपनी डीज़ाइन और कच्चे माल की गुणवत्ता की दृष्टि से दुनिया में मशहूर हैं। इस बाज़ार में क़ालीन के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं। तबरीज़ बाज़ार के इस भाग के निर्माण का काम 1887 ईसवी में ख़त्म हुआ।
तबरीज़ का बाज़ार अभी भी अपनी विगत की शान को बहुत हद तक बाक़ी रखने मे सफल रहा है। तबरीज़ नगर की जनता के व्यापार का दो तिहाई भाग इसी बाज़ार में अंजाम पाता है। तबरीज़ बाज़ार के विभिन्न भागों के नाम इस प्रकार हैः मोचियों का बाज़ार, यमनी बाज़ार, टोपी सीने वालों का बाज़ार, तांबे का बर्तन बनाने वालों का बाज़ार, मुशीरों बाज़ार और रंग का बाज़ार।