Jun ०२, २०१९ १६:२७ Asia/Kolkata

सर्वसमर्थ ईश्वर ने मनुष्यों के दिल में जो एक महत्वपूर्ण चीज़ रखी है वह विश्वास है।

पैग़म्बरे इस्लाम (स) का एक कथन है कि दिल में रखी जाने वाली बेहतरीन चीज़ों में एक विश्वास है। पैग़म्बरे इस्लाम कहते हैं कि विश्वास सबसे बेहतरीन चीज़ है जिससे अल्लाह ने मनुष्य के दिल में रखा है, यदि विश्वास न होता और मनुष्य पर शंका विराजमान होती तो मनुष्य के लिए लक्ष्य अस्पष्ट होते और यदि लक्ष्य ही अस्पष्ट होते तो सही ढंग से आगे नहीं बढ़ा जा सकता था, यही कारण है कि पैग़म्बरे इस्लाम के बारे में ईश्वर कहता है कि रसूल इन तमाम बातों पर ईमान रखता है जो उसकी ओर से उतारी गयी हैं और मोमेनीन भी सब अल्लाह, फ़रिश्ते और ईश्वरीय दूतों पर ईमान रखते हैं, उनका कहना है कि हम ईश्वरीय दूतों के बीचअंतर नहीं करते , हमने ईश्वरीय संदेश को सुना और उसका अनुसरण किया, पालनहार अब तेरी क्षमा की आवश्यकता है और तेरी ही तरफ़ पलट कर आना है।

यदि हम विश्वास के साथ आगे बढ़ें तो उस कार्यवाही से बहुत अधिक भिन्न होगी जो शंका और संदेह के साथ हो। इसीलिए आप देखते हैं कि हम दुआओं में भी ईश्वर से विश्वास की प्राप्ति की दुआ करते हैं। हे मेरे पालनहार मेरी आत्मा को समृद्ध बना दे, मेरे दिल में विश्वास पैदा कर दे, मेरे काम में निष्ठा पैदा कर दे, मेरी आंखों में प्रकाश पैदा कर दे और मेरे धर्म में दूरदर्शिता पैदा कर दे।

जी हां, क्या विश्वास ऐसी चीज़ है जब यह पैदा हो जाती है तो हमेशा ही इंसान के दिल में बाक़ी रहे? या इसकी सिंचाई की जाए? नहीं बल्कि दूसरा सही है, विश्वास हासिल होता है किन्तु कभी कभी घटनाओं और इंसान की आत्मा या मनुष्य के लिए घटने वाली घटनाओं के कारण, जो आंतरिक इच्छाओं, ग़ुस्से, लालच, और विभिन्न प्रकार की नैतिक कमज़ोरियों की वजह से होता है, इंसान अपने विश्वास को कमज़ोर कर लेता है और उसमें शंका पैदा हो जाती है।

पापों की कठिनाइयों और उसके भारी होने का एक कारण विश्वास का समाप्त होना है।

आइये एक अन्य विषय पर हम चर्चा करते हैं और वह यह है कि लोगों के साथ कैसा बर्ताव किया जाए? सबसे बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो लोगों के साथ सबसे अच्छा बर्ताव करता है।

पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कथन है कि सबसे बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करे।  अच्छे बर्ताव का मतलब, लोगों के साथ सही ढंग से मिलना जुलना, अर्थात किसी से विवाद न करना।

कभी कभी इंसान का किसी से झगड़ा रहता है, किसी भी बात को लेकर विवाद पैदा हो जाता है, यह दूसरा मामला है किन्तु यदि ऐसा न हो तो सामने वाले पक्ष से बातचीत की जा सकती है, चाहे लेन देन मे हो या पारिवारिक, राजनैतिक व सामाजिक मामले ही क्यों न हों।

पैग़म्बरे इस्लाम का कथन है कि बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो दूसरों से अच्छी तरह मेल मिलाप रखे, मिले जुले और अच्छा बर्ताव करे,इसका कारण भी पता है क्योंकि मिलने जुलने और अच्छे बर्ताव से समाज में शांति की स्थापना और जीवन सुखद होता है। इसके विपरीत जो लोगों के साथ सख़्त बर्ताव करता है, छोटी सी बात पर उलझ पड़ता है, परेशान करता है, तू तू मै मै करने से बेहतर है एक दूसरे से अच्छा बर्ताव किया जाए और अच्छी तरह मेल मिलाप रखा जाए।

कहा जाता है कि बुरे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए, बुरे लोगों का साथ अच्छा नहीं है, बुरी जगह पर जाने से बचना चाहिए। इसका कारण है कि यदि आप बुरे लोगों के साथ रहेंगे या बुरी जगह पर जाएंगे तो लोग आपको भी वैसा ही समझेंगे। सबसे अत्याचारी और सबसे बड़ा हत्यारा वह व्यक्ति है जो उस व्यक्ति की हत्या कर दे तो उसे न मारना चाहता हो या उसे मारे पीटे जो उसको मारना पीटना न चाहता हो। (AK)

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