Sep १२, २०२० १६:३४ Asia/Kolkata

सेमनान की सैर का आरंभ हम इस नगर की एतिहासिक इमारतों से कर रहे हैं।

हम पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी नगर या क्षेत्र के बारे में अगर अच्छी और सटीक जानकारी चाहिए तो उस नगर के बाज़ार को देख लें और अगर पुराना बाज़ार है तो फिर उस से क्षेत्र के अतीत और वर्तमान दोनों के बारे में बहुत सी जानकारियां मिल जाती हैं।

किसी ज़माने में ईरान में बाज़ार एक दूसरे के सामने दो लाइनों में बनी अनेक दुकानों को कहा जाता था और ज़्यादातर जगहों पर ये दोनत। लाइनें छत से जुड़ी होती थीं। ईरानी बाज़ार अपनी विशेषताओं की वजह से दुनिया भर में मशहूर रहे हैं।सेमनान का बाज़ार काजारी काल की यादगार है लेकिन बाज़ार में, सफवी , ईलख़ानी और तैमूरी काल के अवशेष नज़र आते हैं। इस बाज़ार को ईरान की राष्ट्रीय धरोहर की सूचि में पंजीकृत किया गया है।

नासार इमाम बाड़ा

 

सेमनान का बाज़ार भी ईरान के अधिकांश नगरों के बाज़ारों की तरह पर्यटकों को अपनी गर खींचता है।

सेमनान के बाज़ार के नासार इमाम बाड़े के मुख्य द्वार को टाइलों से बेहद ख़ूबसूरती के साथ सजाया गया है। इसी इमामबाड़े में एक छोटी सी मस्जिद भी है इसके अलावा सेमनान में सब से बड़ा लज भंडार भी इसी इमामबाड़े में।

सेमनान के बाज़ार के बाद जब सेमनान की जुमा मस्जिद की बात निकली है तो फिर उसकी भी सैर हम आप को करा ही देते हैं। सेमनान की जामे मस्जिद इस नगर की एक अन्य एतासिक धरोहर है जिसकी गणना इस्लाम की प्राचीनत धरोहरों में होती है।

मस्जिद की ३२ मीटर मीनार, इसकी प्राचीनता की गवाह है यह मीनार जामे मस्जिद के पूर्वोत्तरी भाग में स्थित है जिसका निर्माण ४१७ से ४६६ हिजरी क़मरी के मध्य हुआ था। इस मीनार की दीवारों पर कूफ़ी लिपि में लिखे गये शिलालेख हैं और इसे ईंटो से बहुत ही सुन्दर ढंग से सजाया गया है।

सेमनान का हम्माम भी एक देखने लायक़ जगह है। पहना या हज़रत हम्माम भी सेमनान के मूल्यवान अवशेषों में से है। अब इसकी मरम्मत कर दी गयी जिसके बाद यह  प्राचीन हम्माम, संग्रहालय में बदल दिया गया है।

पहना हम्माम

आप को यह भी बता दें कि इस संग्रहालय में एक बेहद क़ीमती चीज़ भी है। यह सेमनान के एक निवासी का कंकाल है जो ४ हज़ार साल पुराना है इसे पुरातन विदों ने दामग़ान के हिसार टीले की खुदाई के दौरान बरामद किया था। यह कंकाल एक गर्भवती महिला का है जिसे बेहद सुरक्षित अवस्था में हिसार टीले से निकाला गया है। इसके साथ ही आस पास बहुत सी चीज़े मिली हैं जो मरने वाली इस महिला के आस पास रही होंगी। यह कंकाल संग्रहालय में इस लिए भी रखा गया है ताकि संग्रहालय जाने वालों को यह पता चल सके कि आज से चार हज़ार साल पहले ईरान में मरने वालों का अंतिम संस्कार किस तरह से किया जाता था।

4,000 साल पुराना कंकाल

 

संग्रहालय में और भी शोकेस हैं जिनमें इस्लामी काल की चीज़ें भी नज़र आती हैं। संग्रहालय का एक भाग जन संस्कृति से संबंधित है जहां जाकर आप इस प्रांत के स्थानीय लोगों की संस्कृति और उनकी दिनचर्या के बारे में काफ़ी मालूमान हासिल कर सकते हैं।

 

टैग्स