क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-781
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-781
وَيَرَى الَّذِينَ أُوتُوا الْعِلْمَ الَّذِي أُنْزِلَ إِلَيْكَ مِنْ رَبِّكَ هُوَ الْحَقَّ وَيَهْدِي إِلَى صِرَاطِ الْعَزِيزِ الْحَمِيدِ (6) وَقَالَ الَّذِينَ كَفَرُوا هَلْ نَدُلُّكُمْ عَلَى رَجُلٍ يُنَبِّئُكُمْ إِذَا مُزِّقْتُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍ إِنَّكُمْ لَفِي خَلْقٍ جَدِيدٍ (7)
और (हे पैग़म्बर!) जिन्हें ज्ञान प्रदान किया गया है वे अच्छी तरह जानते हैं कि जो कुछ आपके पालनहार की ओर से आप की ओर भेजा गया है, वह पूरी तरह सत्य है प्रभुत्वशाली व प्रशंसा के अधिकारी ईश्वर का मार्ग दिखाता है। (34:6) और इसका इन्कार करने वाले कहते हैं कि क्या हम तुम्हें ऐसा व्यक्ति बताएँ जो तुम्हें (यह) ख़बर देता है कि जब तुम (क़ब्र में) कण-कण हो जाओगे तो निश्चय ही तुम नए सिरे से पैदा कर दिए जाओगे? (34:7)
أَفْتَرَى عَلَى اللَّهِ كَذِبًا أَمْ بِهِ جِنَّةٌ بَلِ الَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِالْآَخِرَةِ فِي الْعَذَابِ وَالضَّلَالِ الْبَعِيدِ (8) أَفَلَمْ يَرَوْا إِلَى مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ مِنَ السَّمَاءِ وَالْأَرْضِ إِنْ نَشَأْ نَخْسِفْ بِهِمُ الْأَرْضَ أَوْ نُسْقِطْ عَلَيْهِمْ كِسَفًا مِنَ السَّمَاءِ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَةً لِكُلِّ عَبْدٍ مُنِيبٍ (9)
क्या उसने ईश्वर पर झूठ गढ़ कर थोपा है, या उसे कुछ पागलपन है? (ऐसा नहीं है) बल्कि जो लोग प्रलय पर ईमान नहीं रखते वे दंड और गहरी पथभ्रष्टता में हैं। (34:8) क्या उन्होंने आकाश और धरती में से जो कुछ उनके सामने और उनके पीछे है, उसे नहीं देखा? अगर हम चाहें तो उन्हें धरती में धँसा दें या उन पर आकाश से (पत्थरों के) कुछ टुकड़े गिरा दें। निश्चय ही इसमें हर उस बन्दे के लिए एक निशानी है जो तौबा करने वाला है। (34:9)