क्या भारत पाकिस्तान पर हमले की बना रहा है योजना? अमेरिका की ख़ुफ़िया रिपोर्ट ने जंग से पहले ही फोड़ा बम!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बात की संभावना अधिक है कि भारत, पाकिस्तान की ओर से किसी भी उकसावे के प्रति सैन्य कार्यवाही कर सकता है।
यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी' की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद भी चिंता का विषय बना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बात की संभावना अधिक है कि भारत, पाकिस्तान की ओर से किसी भी उकसावे के प्रति सैन्य कार्यवाही कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों का सहयोग करने का एक लंबा इतिहास रहा है।'' वहीं भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भी संवेदनशील क्षेत्र में अभी क़रीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत और चीन के संबंधों में भी जल्द सुधार आने की संभावना नहीं है। ‘यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी' ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि 2020 में ‘‘हिंसक झड़प'' के मद्देनज़र भारत-चीन संबंध ‘‘तनावपूर्ण'' रहेंगे। साथ ही इस रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह के संभावित संकट पर भी चिंता व्यक्त की गई है।
यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी' ने कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष ख़तरों के संबंध में अपना वार्षिक आकलन पेश करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत और चीन दोनों के विवादित सीमा पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाने से दोनों परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव का ख़तरा बढ़ता है, जो संभवत: अमेरिकी नागरिकों एवं हितों के लिए सीधे तौर पर ख़तरनाक हो सकता है। इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने इस संबंध में अमेरिका से हस्तक्षेप का आह्वान भी किया। उसने कहा, ‘‘ भारत और चीन के बीच संबंध 2020 में हिंसक संघर्ष के मद्देनज़र तनावपूर्ण बने रहेंगे।'' रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले गतिरोध से पता चलता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निरंतर टकराव में तेजी आने की आशंका है। भारत ने लगातार इस बात पर बल दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और सौहार्द द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे वहां हज़ारों सैनिकों और भारी हथियारों के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। वहीं भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख विवाद को सुलझाने के लिए अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है। (RZ)
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