भारतीय मूल की ब्रितानी गृह मंत्री भारत की चिंताएं बढ़ा रही हैं,
ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने एक बयान दिया है जिसके बाद यह अटकलें तेज़ हो गई हैं कि दोनों देशों के बीच होने वाला फ़्री व्यापार का समझौता टूट सकता है।
ब्रिटेन की गृह मंत्री कुछ दिनों पहले ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों को लेकर एक बयान दिया जिसके बाद यह अटकलें तेज़ हो गईं। भारतीय मूल की सुएला ने 'द स्पेक्टेटर' नामक मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे भारत के साथ खुली सीमा की नीति को लेकर चिंताएं हैं क्योंकि मुझे लगता है कि लोगों ने जब ब्रेग्ज़िट को चुना था, तब इसलिए वोट नहीं किया था।
लंदन से छपने वाले 'द टाइम्स' अख़बार ने भारतीय सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत के कई मंत्री ब्रितानी गृहमंत्री के हालिया बयान से 'निस्तब्ध और निराश' हैं। उसी इंटरव्यू में सुएला ने कहा था कि ब्रिटेन में वीज़ा समाप्त होने के बाद सबसे ज़्यादा भारतीय प्रवासी ही रहते हैं।
'द टाइम्स' अख़बार के दावे का समर्थन करते हुए अमेरिका की वेबसाइट 'पॉलिटिको' ने दावा किया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली में ब्रिटेन जाने वाले थे और उसी दौरान एफ़टीए पर हस्ताक्षर करने वाले थे, लेकिन अब लगता है कि यह मामला टल गया है।
लेकिन भारतीय मीडिया के कुछ हलकों का दावा है कि फ़िलहाल बातचीत जारी है और ऐसा कहना जल्दबाज़ी होगी कि एफ़टीए खटाई में पड़ गया है। भारत से छपने वाले अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' ने लिखा है कि सेटबैक के बावजूद भारत और ब्रिटेन दोनों आशान्वित हैं कि एफ़टीए पर जल्द ही हस्ताक्षर किया जाएगा।
फ़्री ट्रेड एग्रीमेंट या मुक्त व्यापार समझौते का मतलब दो या फिर इससे ज़्यादा देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात में रुकावटों को कम करने के लिए क़रार है।
एफ़टीए के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार ख़रीदा और बेचा जा सकता है, जिसके लिए बहुत कम सरकारी शुल्क, कोटा तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किए जाते हैं।
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