Sep ०७, २०२३ १६:४० Asia/Kolkata
  • भारत और पाकिस्तान में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम पर निकले पारंपरिक तरीक़े से जुलूस

भारत और पाकिस्तान में गुरुवार को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों का चेहलुम मनाया गया। इस मौक़े पर इन दोनों देशों के लगभग सभी छोटे-बड़े शहरों में पारंपारिक तरीक़े से जुलूस निकले।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत और पाकिस्तान में लोगों की भारी सम्मिलिति से इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के चालीसवें दिन के अवसर पर भव्य जुलूस निकाले गए हैं। गुरुवार को भारत की राजधानी दिल्ली सहित लखनऊ, मुम्बई, कोलकता, हैदराबाद, बैंगलोर, श्रीनगर, कारगिल और लगभग हर छोटे बड़े शहरों, कस्बों और गावों में इमाम हुसैन और उनके 72 बावफ़ा साथियों की याद में शोक सभाएं आयोजित की गईं और जुलूस निकाले गए। चेहलुम के अवसर पर भारत की राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। दिल्ली से हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के भोजला पहाड़ी क्षेत्र से चेहलुम का जुलूस निकाला गया जिसमें करबला के शहीदों की याद में नौहा और मातम हुआ। बता दें कि दिल्ली में चेहलुम के अवसर पर निकाला जाने वाला जुलूस बहुत ही पुराना है जिसमें दिल्ली के आलावा बड़ी संख्या में आस-पास के क्षेत्रों से श्रद्धालु भाग लेते हैं।

इस तरह भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बड़ी श्रद्धा से इमाम हुसैन के चेहलुम का जुलूस निकाला गया। लखनऊ में चेहलुम के अवसर पर निकाला जाने वाला जुलूस भी बहुत ऐतिहासिक है जिसमें लाखों की संख्या में लखनऊ सहित आस-पास के इलाक़ो से श्रद्धालु शामिल होते हैं। वहीं पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद सहित लाहौर, कराची, क्वेटा, रावलपिंडी, पेशावार और हैदराबाद में बड़ी-बड़ी शोक सभाएं आयोजित हुईं और जुलूस निकाले गए। अरबईन के अवसर पर निकाले जाने वाले जुलूसों में बच्चे और महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रहीं। पाकिस्तान के एक प्रख्यात शिया धर्मगुरू अल्लामा राजा नासिर अब्बास जाफ़री ने इमाम हुसैन के अरबईन के दिन को पाकिस्तान में शिया व सुन्नी मुसलमानों की एकता का दिन बताया है और कहा है कि केवल एकता के माध्यम से ही दुश्मन की चालों और साज़िशों को नाकाम बनाया जा सकता है।

ज्ञात रहे कि न केवल इस्लाम धर्म की रक्षा बल्कि पूरी मानवाता की रक्षा करने वाले पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र हज़रत इमाम हुसैन (अ) और उनके 72 बावफ़ा साथियों की याद में पूरे विश्व में प्रतिवर्ष इस्लामी कैलेंडर के दूसरे महीने सफ़र की 20 तारीख़ को चेहलुम मनाया जाता है। आज पूरी दुनिया में हुसैन का नाम लेने वाले मौजूद हैं, इमाम हुसैन के मानने वाले किसी एक समुदाय तक सिमित नहीं हैं बल्कि हर धर्म और समुदाय के लोग इमाम हुसैन (अ) की याद मना रहे हैं। (RZ)

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