भारत में शादी के नाम पर सांप्रदायिकता का गंदा खेल, मुस्लिम लड़कियों का ज़बरदस्ती हिन्दू लड़कों से विवाह, बीजेपी नेता पर लगे आरोप!
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में ग़ायब हुई एक मुस्लिम लड़की की एक हिंदू लड़के से शादी करने के बाद लड़की के बहन ने पूर्व मेयर एवं सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की नेता शकुंतला भारती पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित लड़की की बहन ने बीजेपी नेत्री पर यह आरोप लगाया है कि उसने उसकी बहन की ज़बरदस्ती ताक़त के बल पर धर्म परिवर्तन कराके एक हिन्दू लड़के से शादी कर दी है।
भारतीय समाचार समूह इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के थाना सासनी गेट के सराय सुल्तानी की रहने वाली फैज़ी नाम की लड़की 7 अगस्त से घर से ग़ायब हो गई थी। उसके जीजा परवेज़ ने थाना सासनी गेट थाने में उसके ग़ायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए ऋषभ नामक एक हिन्दू पर उसका अपहरण करने का आरोप भी लगाया था। परवेज़ ने आरोप लगाया था कि एक स्थानीय बीजेपी नेता के समर्थन से ऋषभ उसकी साली को डरा धमका कर धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर कर रहा है और उससे शादी करने की योजना बना रहा है। स्थानीय पुलिस ने परवेज़ की शिकायत पर धारा 363, 366 के तहत मामला दर्ज करके ग़ायब लड़की की तलाश में जुट गई।
इस बीच गुमशुदा लड़की की बहन आसिया सैफ़ी ने एक प्रेस वार्ता करके अलीगढ़ की पूर्व मेयर और भारतीय जनता पार्टी की नेता शकुंतला भारतीय पर मुस्लिम लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराकर हिंदू लड़कों के साथ शादी करवाने के गंभीर आरोप लगाकर इम सादे से दिखने वाले मामने को हाईप्रोफाइल मामला बना दिया। इससे पहले लड़की की बहन आसिया सैफ़ी ने पूर्व मेयर शकुंतला भारती के ऊपर मुस्लिम लड़कियों को ग़ायब कर करवाकर धर्म परिवर्तन कराकर हिंदू लोगों के साथ शादी करने के आरोप लगाते हुए ट्वीट भी किया था। इस बीच पुलिस ने गुमशुदा लड़की को बरामद करके मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया है। उधर पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा की अगर कोई यह सिद्ध कर दे तो वह प्रदेश को छोड़ देंगी।
उल्लेखनीय है कि भारत में वर्ष 2014 के बाद से संप्रदायिकता के आधार पर होने वाली घटनाओं में वृद्धि हुई है। धर्म परिवर्तन, दंगे, मॉब लिंचिंग और एनआरसी एवं सीएए जैसे क़ानून के ज़रिए इस देश की गंगा जमुनी संस्कृति को कट्टरपंथी हिंदुओं द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है। भारत में लगातार धर्म के नाम पर बढ़ती हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ सहित दुनिया भर के कई मानवाधिकार संगठन भी इस गंभीर समस्या पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। जारी वर्ष के फ़रवरी महीने में स्वयं भारत की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा में खुलकर कट्टरपंथी हिंदुओं द्वारा संप्रदायिकता का नंगा नाच नाचा गया, जिसमें एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पुलिस और प्रशासन ने भी दंगाईयों का पूरा साथ दिया। इस दंगे में 57 लोगों की जान गई जबकि सैकड़ों की संख्या में घायल हुए और हज़ारों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। (RZ)
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