एलएसी विवादः चीन का हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से पीछे हटने से इन्कार, दो टूक अंदाज़ में कहाः जितना मिल गया उसी पर ख़ुश रहे भारत
(last modified Sun, 18 Apr 2021 06:25:34 GMT )
Apr १८, २०२१ ११:५५ Asia/Kolkata
  • एलएसी विवादः चीन का हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से पीछे हटने से इन्कार, दो टूक अंदाज़ में कहाः जितना मिल गया उसी पर ख़ुश रहे भारत

भारत-चीन के बीच लद्दाख़ स्थित एलएसी अर्थात वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव अब भी जारी है।

चीन, कुछ दिनों पहले ही पैंगोंग सो छोड़ने के बाद, एलएसी पर टकराव वाली दूसरी जगहों को भी चरणबद्ध तरीक़े से छोड़ने का वादा करने के बाद अब हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा के इलाक़े से पीछे हटने से मुकर गया है। आपको बता दें कि क़रीब 15 दिन बाद ही भारत और चीन के बीच लद्दाख़ में शुरू हुए तनाव को एक साल पूरे जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन ने अब तक विवाद सुलझाने में कोई ख़ास दिल्चस्पी नहीं दिखाई है।

द संडे एक्सप्रेस को 9 अप्रैल को भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की हुयी बैठक की जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक़, चीनी सेना ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा के अलावा डेपसांग प्लेन्स से भी पीछे हटने से इन्कार कर दिया है। चीन के साथ विवाद हल करने में शामिल रहे एक उच्च सूत्र ने बताया है कि चीन पहले हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा के पैट्रोलिंग प्वाइंट-15 और पैट्रोलिंग प्वाइंट-17ए से पीछे हटने पर सहमति जताई थी, लेकिन बाद में उसने इन्कार कर दिया।

हाल में दोनों सेनाओं के बीच जो बात हुयी है, उसमें चीन ने कहा है कि भारत को जो कुछ मिल गया है, उसे उस पर ख़ुश रहना चाहिए। बताया गया है कि पीपी-15 और पीपी-17ए पर चीनी सेना के प्लाटून तैनात है, जो पहले की कंपनी की तैनाती से कुछ कम तादाद है। भारतीय सेना की एक प्लाटून में 30-32 फ़ौजी और कंपनी में 100  से 120 फ़ौजी होते हैं। सूत्र ने यह भी कहा कि चीनी सेना भारतीय सीमा के काफ़ी भीतर है।

ग़ौरतलब है कि पैंगोंग सो से चीनी फ़ौज ने फ़रवरी में लौटने का ऐलान किया था। तबसे तनाव वाले फ़िंगर-4 इलाक़े से लेकर फ़िंगर-8 तक के इलाक़े में दोनों ही सेनाओं की गश्त बंद है। बताया गया है कि भारत फ़िंगर-8 तक पहुंचने में कभी भी सफल नहीं हो पाया है, जिसे वह तनाव से 2-3 साल पहले तक अस्ल एलएसी मानता रहा है।

इसके अलावा पेगसांग प्लेन्स पर स्थिति, दोनों देशों के बीच तनाव से पहले ही बिगड़ी हुयी है। यहाँ भारतीय सेना 2013 के बाद से ही पारंपरिक गश्त सीमा तक नहीं पहुंच पायी है। डेपसांग का मुद्दा हाल ही में सैन्य कमांडरों की बातचीत में जोड़ा गया है। सूत्र का कहना है कि लद्दाख़ में चीन से तनाव के दौरान डेपसांग में कुछ भी नहीं हुआ था। बीते काफ़ी समय से चीनी सेना गश्त वाले इलाक़ो में आकर सेना को रोक देती है।(MAQ/N)

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