Oct १०, २०२३ १४:४६ Asia/Kolkata

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता का कहना है कि ज़ायोनी शासन को ऐसी पराजय का सामना हुआ है जिसकी कभी भी भरपाई नहीं हो सकती।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कैडिट कालेज के एक संयुक्त कार्यक्रम में फ़िलिस्तीनियों के तूफ़ान अल-अक्सा आप्रेशन की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक कारनामा ख़ुद फ़िलिस्तीनियों का ही है।

सुप्रीम लीडर कहना था कि 7 अक्तूबर के आप्रेशन ने ज़ायोनी शासन को सैन्य लिहाज़ से और इंटेलीजेंस की दृष्टि से भी ऐसी पराजय का सामना हुआ है जिसकी कभी भी भरपाई नहीं हो सकती।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता का कहना था कि पराजय के बारे में तो सभी बात कर रहे हैं लेकिन मैं इस बात पर बल देता हूं कि ज़ायोनी शासन को ऐसी पराजय का सामना हुआ है जिसकी कभी भी भरपाई नहीं हो सकती।

उनका कहना था कि इस विनाशकारी भूकंप ने अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन की कुछ मुख्य संरचनाओं को ऐसा नष्ट किया जिसका पुनर्निर्माण करना आसान नहीं होगा।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ज़ायोनी शासन के समर्थकों और ख़ुद ज़ायोनी शासन के कुछ लोगों ने इन दो तीन दिनों में काफ़ी लंबी लंबी बातें की और यहां तक यह बात भी कह डाली कि इस कार्यवाही के पीछे ईरान है, वह ग़लत कह रहे हैं, हम फ़िलिस्तीनियों और उनके संघर्ष का समर्थन करते हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता का कहना था कि हम इस आप्रेशन की योजना बनाने वाले समझदार, युक्तिकर्ताओं और फ़िलिस्तीनी युवाओं के माथे और उनके हाथों को चूमते हैं लेकिन वह लोग जो यह कहते हैं कि हालिया कार्यवाही फ़िलिस्तीनियों के अलावा दूसरों की थी, उनके अनुमान ग़लत हैं, वे फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को पहचान ही नहीं सके और उन्हें हल्के में ले रहे हैं।

सुप्रीम लीडर का कहना था कि सारे इस्लामी जगत की ज़िम्मेदारी है कि वह फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करे और आगे भी करे, लेकिन यह काम ख़ुद फ़िलिस्तीनियों का है और यह फ़िलिस्तीन की मुक्ति के लिए बहुत बड़ा और ऐतिहासिक क़दम है।

 

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