Jan ०६, २०२४ १०:३२ Asia/Kolkata
  • क़तर और श्रीलंका की ईरान से संवेदना, आतंकवाद से मिलकर लड़ने पर बल

ईरान और क़तर के विदेश मंत्रियों ने ज़ायोनी शासन की सैन्य कार्रवाई के नकारात्मक प्रभावों, अवैध अधिकृत क्षेत्रों, बाबुल मंदब और लाल सागर के ताज़ा हालात और कुछ क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और क़तर के प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री शैख मुहम्मद बिन अब्दुलर्रहमान आले सानी ने शुक्रवार टेलीफ़ोनी वार्ता में ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ज़्ज़ा की निहत्थी जनता के जनसंहार को जल्द से जल्द रोकने, ज़ायोनी शासन की ओर से जबरन विस्थापन की कार्यवाही को रोकने, नाकाबंदी हटाने और मानवीय सहायताएं, दवाएं और खाद्य पदार्थ भेजने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

ईरान और क़तर के विदेश मंत्रियों ने ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम की प्रक्रिया, बैरूत में ज़ायोनी शासन की सैन्य कार्रवाई और सालेह अल-आरूरी की हत्या के नकारात्मक परिणामों पर विचार विमर्श किया।

कतर के प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री ने किरमान में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए ईरान सरकार और राष्ट्र के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

दूसरी ओर विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने किरमान आतंकी कृत्य के बारे में श्रीलंका के विदेशमंत्री अली सब्री से टेलीफ़ोन पर बातचीत में कहा कि ईरानी सुरक्षाकर्मी इस घटना, इसमें लिप्त और इसका आदेश देने वालों के बारे में गहन जांच कर रहे हैं।

किरमान में आतंकवादी घटना के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति और विदेशमंत्री की ओर से ईरान राष्ट्र और सरकार के प्रति सहानुभूति व्यक्त किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की गंभीरता पर ज़ोर दिया।

श्रीलंका के विदेशमंत्री अली सब्री ने किरमान में हुए आतंकवादी हमले की वजह से इस्लामी गणतंत्र ईरान की सरकार और जनता को, अपने देश और सरकार की ओर से सांत्वना दी और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से आतंकवाद के विरुदध् लड़ाई पर ज़ोर दिया। (AK)

 

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