Apr २४, २०२४ १९:३९ Asia/Kolkata
  • मज़बूत जड़ों वाला ईरानी राष्ट्र कभी भी अमरीका के आगे नहीं झुकेगाः सुप्रीम लीडर
    मज़बूत जड़ों वाला ईरानी राष्ट्र कभी भी अमरीका के आगे नहीं झुकेगाः सुप्रीम लीडर

पार्स टूडे- इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली खामेनेई ने आज बुधवार सुबह ईरान के मज़दूर वर्ग के हजारों लोगों से मुलाक़ात में कहा कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने और तेहरान पर दबाव डालने के पीछे अमेरिका और पश्चिम का वास्तविक लक्ष्य, राष्ट्र और इस्लामी व्यवस्था को झुकाना और उसे हर बात मानने पर मजबूर करना है।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि  महान इतिहास और गहरी जड़ों वाला ईरान और इस्लामी गणतंत्र, ज़ोर ज़बरदस्तियों और ग़ुडागर्दियों के सामने नहीं झुकेगा और प्रतिबंधों को प्रगति और समृद्धि के अवसरों में बदलकर, भविष्य के लिए एक उज्ज्वल क्षितिज हासिल करेगा।

इस्लामी क्रांति के नेता ने कहा,

वे चाहते हैं कि कुछ दूसरे देशों की तरह ईरान की संपत्ति, प्रतिष्ठा और नीतियां अमेरिकी हाथों में रहें लेकिन इस्लामी व्यवस्था व इस्लामी प्रतिष्ठा और ईरान के महान और गहरी जड़ों वाले राष्ट्र के लिए उनकी ज़ोरज़बरदस्ती के आगे झुकना असंभव है।

अपने भाषण के दूसरे भाग में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों को ध्यान में रखे बिना आर्थिक मुद्दों पर बात करना असंभव क़रार दिया और कहाः

पश्चिम, ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने के लिए परमाणु हथियार, मानवाधिकार और आतंकवाद के समर्थन जैसे झूठे मुद्दे उठाता है।

उन्होंने पश्चिम के विरोधाभासों और झूठे बहानों को समझाने के लिए ग़ज़ा का उदाहरण दिया और कहाः

उन्होंने सवाल उठाया कि ग़ज़ा पर बमबारी से प्रभावित लोग आतंकवादी हैं लेकिन दुष्ट, अवैध और क्रूर ज़ायोनी शासन जिसने छह महीने में कई हजार बच्चों सहित लगभग 40,000 लोगों का नरसंहार किया है, आतंकवादी नहीं है।

मज़दूर वर्ग की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने कुछ साल पहले परमाणु मुद्दे पर दिए अपने बयान का ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने कहा थाः

अमेरिकियों को यह तय कर लेना चाहिए कि वे परमाणु मुद्दे पर ईरान के किस हद तक पीछे हट जान पर वे संतुष्ट होंगे। उन्होंने कहा कि वे कभी भी इस सीमा को निर्धारित करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि वे क़दम ब क़दम आगे बढ़ना चाहते हैं और अंततः उत्तरी अफ़्रीक़ी देश की तरह ईरान के परमाणु उद्योग और उपकरणों को ख़त्म कर देना चाहते हैं जबकि देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों को परमाणु गतिविधियों की उपलब्धियों की आवश्यकता है।

उन्होंने प्रतिबंधों को देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला और आर्थिक समस्याएं पैदा करने वाला क़रार दिया और कहा कि

इन प्रतिबंधों से देश के अंदर प्रतिभाओं का विकास और क्षमताओं का उदय भी हुआ है।

अयातुल्लाह ख़ामेनेई ने दुश्मन की दुश्मनी से फ़ायदा उठाने को एक जीवित राष्ट्र की विशेषता क़रार दिया।

ईरानी की मज़दूर वर्ग की महिलाएं

उन्होंने रक्षा क्षेत्र के विकास को प्रतिबंधों को अवसरों में बदलने का एक नमूना क़रार दिया और कहा कि

इस विकास ने कहीं न कहीं सभी शत्रुओं को आश्चर्यचकित कर दिया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान प्रतिबंध हालात में भी इतने उन्नत हथियार कैसे तैयार करने में कामयाब रहा।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इंशा अल्लाह अधिक बेहतर और अधिक उन्नत हथियारों का उत्पादन किया जाएगा, यद्यपि प्रगति और विकास केवल हथियारों तक ही सीमित नहीं है और विभिन्न चिकित्सा, स्वास्थ्य और कुछ औद्योगिक और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में भी, ईरान दुनिया में अग्रणी है जबकि कुछ क्षेत्रों में हम पिछड़ रहे हैं, जिन पर मेहनत करेंगे तो आगे बढ़ेंगे।

श्रमिक वर्ग की एक महिला के हाथ में सुप्रीम लीडर की तस्वीर

सुप्रीम लीडर ने प्रतिबंधों को कम प्रभावी क़रार दिया और कहा कि

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि का मतलब है कि देश में अधिक और बेहतर काम हो रहा है, सीमाओं के बाहर से मदद की उम्मीद नहीं है और प्रतिबंध ईरान को झुकाने में कामयाब नहीं रहे है, देश में इस भावना और मनोबल को मज़बूत किया जाना चाहिए।

इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में राष्ट्रों के मार्च और प्रदर्शनों और यूरोप और अमेरिका की सड़कों पर फ़िलिस्तीन और हिज़्बुल्लाह के झंडे लहराने का भी ज़िक्र किया और ग़ज़ा की मज़लूम जनता का समर्थन करने के बहाने ईरान पर आतंकवाद का  आरोप लगाने को आरोप लगाने वालों की बदनामी का कारण बताया और कहा कि

अब सिर्फ ईरान ही नहीं बल्कि सभी देश फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं।

अपने बयान में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि

यह बात ईरानी जनता को पता होना चाहिए और पता भी है कि विस्तारवादियों की दुश्मनी का कारण वो नहीं है जिसका वे झूठा प्रचार करते हैं, बल्कि हक़ीक़त में अस्ली वजह यह है कि स्वतंत्र ईरान पर उनकी ज़ोर ज़बरदस्तियों का असर नहीं पड़ता और वह उनकी विफल नीतियों का पालन करने को तैयार नहीं है जो ईश्वरीय मूल्यों और मानव स्वभाव के विपरीत भी हैं, कुछ पश्चिमी विश्लेषक मानते हैं कि यह नीतियां, अमेरिका की 200 साल की प्रतिष्ठा को नष्ट कर रही हैं।

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि ईरानी क़ौम से इन विफल नीतियों का पालन करने की उम्मीद करना व्यर्थ है, उन्होंने कहा कि

ईरानी राष्ट्र दृढ़ता के साथ डटा हुआ है, निश्चित रूप से, हमें इस दृढ़ता को अपने कार्य, अनुसंधान और राष्ट्रीय एकता में ज़ाहिर करना होगा, एसी स्थिति में और आलस्य और काहिली से दूर रहने की शर्त पर, हम कठिनाइयों और परेशानियों से निकल सकते हैं, प्रगति के लिए और अधिक अवसर सामने आएंगे और ईश्वर की कृपा से ईरानी राष्ट्र भविष्य के उज्ज्वल क्षितिज तक पहुंचेगा।

इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने मज़दूर वर्ग के प्रयासों, शालीनता और परिश्रम का दिल की गहराई से शुक्रिया अदा किया और पैग़म्बरे इस्लाम द्वारा एक मज़दूर के कठोर हाथों को चूमने को काम और मज़दूरों के लिए सर्वोच्च सम्मान बताया।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि  इस्लाम धर्म, काम और श्रम को मूल्यों (वैल्यूज़) में क़रार देता है और पवित्र क़ुरआन की शिक्षाओं और कथनों के आधार पर, इबादत की ही तरह आजीविका और हलाल रोटी कमाने के हर व्यक्ति के प्रयास को एक धार्मिक काम क़रार दिया गया गया है।

मुलाक़ात के दौरान एक युवा मज़दूर की तस्वीर

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने "काम और श्रमिकों के बारे में इस्लाम के दृष्टिकोण" के बारे में जनता की राय पर ध्यान देने को देश की प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता और बुनियाद क़रार दिया और कहा:

भौतिक दुनिया श्रमिक को केवल धन पैदा करने के साधन के रूप में महत्व देती है लेकिन इस्लाम काम और श्रम की अहमियत और महत्व की वजह से मज़दूरों को महत्व देता है जैसा कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं कि अल्लाह हर उस व्यक्ति से प्यार करता है जो अपना काम सही ढंग से, लगातार और दृढ़ता से करता है।

कीवर्ड्ज़ः ईरान के सुप्रीम लीडर कौन हैं, सुप्रीम लीडर के नज़रिए, ईरान और अमेरिका, मज़दूरों के बारे में इस्लाम का नज़रिया

 

 

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