अमरीका मुर्दाबाद के नारों से गूंजी ईरानी संसद ! अमरीकी जासूसी के अड्डे पर क़ब्ज़े का है दिन
ईरान में अमरीकी जासूसी के अड्डे पर क़ब्ज़े की वर्षगांठ के अवसर पर संसद में सांसदों ने अमरीका मुर्दाबाद के नारे लगाए।
4 नवंबर सन 1979 में ईरानी छात्रों ने ईरान में इस्लामी क्रांति के खिलाफ षडयंत्रों की वजह से तेहरान में अमरीकी दूतावास पर क़़ब्ज़ा कर लिया था। अमरीकी दूतावास वास्तव में क्रांति के खिलाफ ईरान में जासूसी का अड्डा बन चुका था।
ईरान के उप संसद सभापति अमीर हुसैन क़ाज़ीज़ादे हाशेमी ने सोमवार को संसद की खुली कार्यवाही में कहा कि 4 नंवबर, अमरीकी वर्चस्व और लगभग एक सदी से ईरानी जनता से उसकी दुश्मनी और इसी तरह दुनिया की साम्राज्यवादी शक्तियों के खोखले दबदबे के अंत का प्रतीक है।
ईरान के डिप्टी स्पीकर ने कहा कि ईरानी जनता के प्रति दुश्मनी के मामले में अमरीकी सरकार की शैली में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
उ्न्होंने बल दिया कि ईरानी जनता को बहुत अच्छी तरह से पता है कि विभिन्न राष्ट्रों विशेषकर ईरानी राष्ट्र की स्वाधीनता के विरुद्ध अमरीका की मुख्य नीतियों पर रिपब्लिकन या डेमोक्रेट सरकार आने से कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा और व्यवहारिक रूप से स्थिति वैसी ही रहेगी। Q.A.
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