परमाणु समझौते पर दोबारा बात नहीं हो सकती, ज़रीफ़ कल पाकिस्तान जाएंगेः विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि परमाणु समझौते में न तो बदलाव किया जा सकता है और न इस पर दोबारा बात की जा सकती है।
सईद ख़तीबज़ादे ने सोमवार को ऑनलाइन पत्रकार सम्मेलन में विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ के तीन लैटिन अमरीकी देशों वेनेज़ुएला, क्यूबा और बोलिविया की यात्रा की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि उनकी यह यात्रा सफल रही है और वे मंगलवार को पाकिस्तान का दो दिवसीय दौरा शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरे में उनके साथ एक उच्च स्तरीय आर्थिक व राजनैतिक शिष्टमंडल भी होगा और वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और सेना प्रमुख से मुलाक़ातें करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने परमाणु समझौते के बारे में बायडन की शर्तों के बारे में कहा कि उनका कौन सा सलाहकार किस अधिकार से क्या बातें कर रहा है, यह हमाले कसौटी नहीं है और हम इसे किसी की शर्त नहीं मानते। ख़तीबज़ादे ने कहा कि चुनावी प्रचार और थिंक टैंक्स इत्यादि की चर्चाएं, किसी निर्णय का आधार नहीं बन सकतीं और जो बात ईरान ने बार बार कही है, वह यह है कि परमाणु समझौता ईरान व अमरीका के बीच नहीं बल्कि ईरान व सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों, जर्मनी व यूरोपीय संघ के बीच लम्बी वार्ता का फल है जिसे सुरक्षा परिषद ने अपने प्रस्ताव नंबर 2231 के माध्यम से बाध्यकारी बनाया है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि किसी का भी यह सोचना सही नहीं है कि परमाणु समझौते पर दोबारा बात की जा सकती है और जिस चीज़ को सहमति व दस्तख़त के बाद सील कर दिया गया है, उसे दोबारा खोला जा सकता है। सईद ख़तीबज़ादे ने कहा कि ईरान ने बार बार कहा है कि परमाणु समझौता, अतीत से संबंधित है और अब उसे दोबारा कोई भी खोल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि अमरीका ने परमाणु समझौते और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव नंबर 2231 का उल्लंघन किया था और इस समझौते से निकल कर उसने ईरान को काफ़ी क्षति पहुंचाई है अतः उसे ईरानी राष्ट्र व अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के प्रति उत्तरदायी होना पड़ेगा। (HN)
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