क्या अब अमरिका के निशाने पर सऊदी अरब आ गया है? वाल स्ट्रीट जर्नल के ख़ुलासे से आले में मची खलबली
अमेरिकी समाचार पत्र द वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है कि जब से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध आरंभ हुआ है तब से वॉशिंग्टन और रियाज़ के बीच राजनीतिक मतभेद और गहरे हो गए हैं।
द वाल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिका और सऊदी अरब के दो सूत्रों के हवाले से लिखा है कि व्हाइट हाउस सऊदी अरब से चाहता है कि वह ज़्यादा से ज़्यादा कच्चा तेल बाज़ार में उतारे। अमेरिका और सऊदी अरब के दोनों सूत्रों वाल स्ट्रीट जर्नल से कहा है कि सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की प्राथमिकता यह है कि उन्हें सऊदी अरब के मौजूदा शासक और भविष्य के नरेश के रूप में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया जाए। पिछले हफ़्ते भी अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सीनेटरों ने जो बाइडन के नाम एक पत्र लिखकर मांग की थी कि सऊदी अरब द्वारा उठाए जा रहे क़दम अमेरिका के हित में नहीं हैं इसलिए रियाज़ के ख़िलाफ़ वॉशिंग्टन को कड़े क़दम उठाना चाहिए।
डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने बाइडन के नाम लिखे अपने पत्र में लिखा है कि अमेरिका द्वारा सऊदी अरब के किंग का लगातार किए जाने वाले समर्थन के करण आले सऊद में इतना दुस्साहस पैदा हो गया है कि वह अपने नागरिकों पर व्यवस्थित और क्रूरता से अत्याचार करने लगा है। अपने विरोधियों को दुनिया के हर कोने में निशाना बनाता है, इसी तरह यमन में पाश्विक हमलों को अंजाम देता है और पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ़्रीक़ा में अपनी पिट्ठू सरकारों को मज़बूत बना रहा है, इस तरह के उसके सारे प्रयास अमरिका के हितों से बिल्कुल मेल नहीं खाते हैं और यह हमारी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट है कि सऊदी क्राउन प्रिंस वाशिंगटन और रियाज़ के मध्य बढ़ते तनाव के बीच डोनल्ड ट्रम्प का समर्थन करने पर विचार कर रहे हैं। इसीलिए विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद सऊदी नेशनल वेल्थ फंड ने ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर की कंपनी में 2 अरब डॉलर का निवेश किया है। (RZ)
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