स्वेडन के लिए उचित होगा कि इस्लाम के दुश्मन देश के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने से बचे
लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने स्वेडन को चेतावनी दी है कि वो इस्लाम और मुसलमानों से जंग करने वाले देश के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने से बचे।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने मुहर्रम के संदर्भ में अपनी तक़रीर में स्वेडन की सरकार से कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता के संदेश के शब्दों पर ध्यान दे और ख़ास तौर पर इस्लाम से जंग करने वाले शब्द को तो बहुत ग़ौर से पढ़े।
उन्होंने कहा कि अगर स्वेडन की सरकार इसी रास्ते पर चलती रही तो इस्लाम और मुसलमानों के ख़िलाफ़ जंग करने वालों की सूचि में शामिल जाएगी। मैं स्वेडन की सरकार को नसीहत करता हूं कि सलाह मशविरा करके और पूछे कि अगर उसे इस्लाम की दुश्मन सरकार के रूप में पहचान लिया गया तो इसका क्या मतलब होगा और इसके क्या परिणाम निकलेंगे।
उनका कहना था कि आयतुल्लाह ख़ामेनेई का इस संदर्भ का संदेश बहुत कठोर शब्दों वाला और एक अपराधी के ख़िलाफ़ फ़तवे से कहीं बढ़कर था। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कठोरतम सज़ा की बात कही है जिस पर सारे ओलमा एकमत हैं।
अगर स्वेडन में क़ुरआन की बेअदबी की घटना में इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का हाथ है तो यह समझ लेना चाहिए कि एक घटना नहीं बल्कि प्रक्रिया शुरू हुई है जिस पर जनता और सरकारों के स्तर पर स्टैंड लेने की ज़रूरत होगी।
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