सऊदी अरब में सुधार की आड़ में विरोधियों का दमन जारी
सऊदी अरब में सुधार की आड़ में इस देश के विरोधियों का खुलकर दमन किया जा रहा है।
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेन्सी "वास" ने सूचना दी है कि सोशल मीडिया पर संदेश डालने के आरोप में इस देश के 46 लोगों को गिरफ़्तार किया है।
इस देश के हालिया परिवर्तन बताते हैं कि सऊदी अरब में सुधार के नाम पर दमन की कार्यवाहियां तेज़ हो गई हैं। इस प्रकार सऊदी शासन अपने विरोधियों को किनारे लगाने के प्रयास कर रहा है। महिलाओं को ड्राइविंग की स्वतंत्रता की घोषणा करके सऊदी सरकार ने तथाकथित सुधार कार्यक्रम का आरंभ किया है। इस प्रकार सऊदी शासन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने के प्रयास कर रहा है। सऊदी अरब पर आरंभ से ही मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगता रहा है। विश्व में सऊदी अरब के समाज को एक अति रूढ़ीवादी समाज के रूप में देखा जाता है जहां पर मानवाधिकारों का हनन एक सामान्य सी बात है। राजनैतिक टीकाकारों का यह कहना है कि यमन में लंबे समय से जनसंहार के कारण अपनी धूमिल होती छवि को ठीक करने के लिए सऊदी अरब ने नया हथकण्डा अपनाया है जिसे महिलाओं की स्वतंत्रता की आड़ में प्रचारित किया जा रहा है।
सऊदी अरब के दिखावे के सुधार के काम केवल सामाजिक नहीं हैं बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी किये जा रहे हैं। सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में सन 2030 तक के लिए एक आर्थिक योजना की घोषणा की है। विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी अरब की वर्तमान आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत यह देश, काल्पनिक योजनाओं के बहाने विकास नहीं कर सकता। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि सऊदी शासन, आर्थिक काल्पनिक योजनाएं पेश करके इस देश की जनता के ध्यान को देश की आर्थिक समस्याओं से हटाना चाहता है। इन बातों को देखकर कहा जा सकता है कि सऊदी अरब, तथाकथित सुधार कार्यक्रम पेश करके निश्चित रूप से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को सुधारना चाहता है।