हुदैदा में अस्पताल में भर्ती बच्चों की जिन्दगी ख़तरे में, यूनिसेफ़ ने दी चेतावनी
यूनिसेफ़ ने कहा है कि यमन में बच्चों के अस्पताल भी सुरक्षित नहीं है।
बच्चों के अधिकारों के लिए सक्रिय संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनिसेफ़ ने यमन के बंदरगाही शहर हुदैदा में अस्पताल में भर्ती बच्चों की स्थिति के संबंध में चेतावनी दी है।
अलजज़ीरा के अनुसार, यूनिसेफ़ ने अपने बयान में चेतावनी दी है कि हुदैदा बंदरगाह में अस्सौरा अस्पताल के आस पास बम के धमाकों और फ़ायरिंग की आवाज़ सुनायी दे रही है जहां इस समय 59 बीमार व घायल यमनी बच्चे भर्ती हैं।
इस बयान में आया है कि इन बच्चों में 25 आईसीयू में भर्ती हैं जिन पर मौत का ख़तरा मंडरा रहा है।
यूनिसेफ़ ने चेतावनी दी है कि अगर हुदैदा तक पहुंच के रास्ते बंद या उन्हें तबाह किया गया, तो क्षेत्र में बहुत अधिक इंसानी जान का नुक़सान होगा।
हुदैदा, रेड सी में रणनैतिक दृष्टि से बहुत ही अहम बंदरगाह है और यह एकमात्र बंदरगाह है जहां से युद्ध ग्रस्त यमन के लिए मानवीय सहायता पहुंचती है। यमन की ज़रूरत की 70 फ़ीसद सहायताएं, जिनमें दवा और खाद्य पदार्थ शामिल हैं, हुदैदा बंदरगाह से पहुंचती हैं।
यमन में मानव त्रासदी के संबंध में मानवाधिकार संगठनों की ओर से चेतावनियों के बावजूद, पश्चिमी देश सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन को हथियारों सहित लॉजिस्टिक मदद कर रहे हैं।
यमन पर सऊदी अरब के 26 मार्च 2015 से हमले जारी हैं, जिसमें अब तक 14000 से ज़्यादा बेगुनाह यमनी हताहत और दसियों हज़ार घायल हुए हैं जबकि विस्थापितों की संख्या दसियों लाख है। सऊदी अरब ने यमन की ज़मीनी, हवाई और समुद्री नाकाबंदी कर रखी है जिसकी वजह से दसियों लाख यमनी भुखमरी का शिकार हैं। (MAQ/N)