Jun १६, २०२० २१:२३ Asia/Kolkata
  • सऊदी अरब पर भीषण दबाव, फ़ैसला करने से कतरा रहा है, अगर फ़ैसला न में हुआ तो क्या होगा? पहले भी उठ चुकी है यह मांग?

कोरोना की अंतर्राष्ट्रीय महामारी के दृष्टिगत सऊदी अरब जारी वर्ष हज सीमित करने या उसे स्थगित करने की घोषणा कर सकता है जो नये दौर में पहली बार होगा।

दूसरी ओर मुस्लिम देश रियाज़ की ओर से अभी तक कोई फ़ैसला सामने न आने पर दबाव डाल रहे हैं कि बताया जाए कि वार्षिक उपासना के शैड्युल के अनुसार जुलाई के अंत में होगी।

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी हज अधिकारियों से संपर्क में रहने वाले एक एशियाई अधिकारी ने बताया कि मामला हज की संक्षिप्त अदाएगी और बिल्कुल भी अदा न करने के बीच लटक रहा है।

दूसरी ओर एक सऊदी अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही फ़ैसला करके उसकी घोषणा कर दी जाएगी।

ज्ञात रहे कि दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया और मलेशिया, रियाज़ की ओर से कोई फ़ैसला सामने न आने पर इस साल हाजियों को न भेजने का फ़ैसला कर चुके हैं।

दूसरी ओर मुस्लिम आबादी वाले अन्य देश मिस्र, मोरक्को, तुर्की, लेबनान और बुल्ग़ारिया ने कहा है कि वह अब तक रियाज़ के फ़ैसले का इंतेज़ार कर रहे हैं।

उधर फ़्रांस जैसे देशों के धार्मिक नेताओं ने मुसलमानों पर बल दिया है कि वह वर्तमान स्थिति के कारण हज पर जाने का इरादा छोड़ दें।
हज के स्थगित या सीमित किए जाने के फ़ैसले से मुसलमानों के नाराज़ होने का संभावना है।

इसके परिणाम में मुसलमानों के दोनों पवित्र स्थलों के सऊदी अधिकारियों के नियंत्रण पर पुर्निवचार की मांग भी की जा सकती है जो कि सऊदी अरब के राजनैतिक औचित्य का सबसे शक्तिशाली हथकंडा है।

इससे पहले 2015 में भगदड़ के दौरान 2300 से अधिक हाजियों की मौत पर सऊदी हर प्रबंधन को कड़ी आलोचना का निशाना बनाया गया था। (AK)

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