जाने किस आह्वान के साथ शुरू हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन, दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा
(last modified Sun, 31 Oct 2021 03:57:39 GMT )
Oct ३१, २०२१ ०९:२७ Asia/Kolkata
  • जाने किस आह्वान के साथ शुरू हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन, दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा

इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में ग़रीब देशों के लिए कोविड-19 के और टीकों की व्यवस्था के लिए प्रयास करने का आह्वान किया और वैश्विक स्तर पर टीकाकरण में अंतर को ‘नैतिक रूप से अस्वीकार्य' क़रार दिया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, जी-20 की मेज़बानी कर रहे इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की शुरुआत में विश्व के कम संपन्न देशों के लिए टीकों की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों को गति देने का आह्वान किया। द्रागी ने रेखांकित किया कि संपन्न देशों में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो चुका है जबकि ग़रीब देशों में केवल तीन प्रतिशत लोगों को ही कोविड-19 रोधी टीके की खुराक मिली है। यूरोपीय केंद्रीय बैंक के पूर्व प्रमुख और अर्थशास्त्री द्रागी ने कहा, ‘‘यह अंतर नैतिक रूप से अस्वीकार्य है और वैश्विक रिकवरी को कमतर करता है।''  इस बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने वादा किया कि वह इस सम्मेलन का इस्तेमाल यूरोपीय संघ के साथी नेताओं पर और उदार तरीके से निम्न आय वर्ग के देशों को टीका दान करने के लिए दबाव बनाने के लिए करेंगे।

इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी।

वहीं नागरिक समाज के पैरोकारों कि जिन्होंने सम्मेलन से पहले जी-20 अधिकारियों के साथ चर्चा की, दान के रुख को लेकर आशंकित है। संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल 40 प्रतिशत वैश्विक टीकाकरण और अगले साल 70 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। सिविल-20 की स्टिफिना बुर्बो ने पत्रकारों से बातचीत में सवाल उठाया, ‘‘टीका उत्पादन के लिए पेटेंट को स्थगित किए बिना कैसे यह सभी तक पहुंचेगा।'' इतालवी सूत्रों ने बताया कि कई नेताओं ने शनिवार को हुई चर्चा में अफ़्रीक़ा जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर बल दिया ताकि वे भविष्य में किसी आपात स्थिति के लिए तैयार रहे। इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार और वैश्विक न्यूनतम निगमित कर दर है अन्य विषय है जिनपर वर्ष 2020 के शुरुआत के बाद पहली बार आमने-सामने की हो रही विश्व नेताओं की बैठक में चर्चा होगी।

अमीर देशों ने टीका का इस्तेमाल किया और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए प्रोत्साहन राशि खर्च की है जिससे विकासशील देशों के कम टीकाकरण और वित्तीय समस्या की वजह से पीछे रह जाने का ख़तरा उत्पन्न हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रेखांकित किया है कि अमीर देशों ने वार्षिक आर्थिक उत्पादन की 28 प्रतिशत राशि महामारी से उबरने में खर्च की जबकि ग़रीब देशों का यह आंकड़ा केवल दो प्रतिशत है। मैक्रां ने पत्रकारों से कहा कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि जी-20 अफ़्रीक़ा की अर्थव्यवस्था के लिए 100 अरब डॉलर अतिरिक्त सहायता को मंज़ूरी देगा। संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले इटली को उम्मीद है कि जी-20 के देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता जताएंगे। जलवायु सम्मेलन रविवार को ग्लासगो, स्कॉटलैंड में शुरू होगा। जी-20 सम्मेलन ख़त्म होने के तुरंत बाद कई देशों के प्रमुख ग्लासगो जाएंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए सम्मेलन से जुड़ेंगे। जी-20 में न्यूनतम वैश्विक कॉरपोरेट कर पर समझौता होने की संभावना है। समूह के नेताओं को उम्मीद है कि वे वर्ष 2023 तक वैश्विक स्तर पर न्यूनतम कॉरपोरेट कर को 15 प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता को औपचारिक जामा पहना पाएंगे। (RZ)

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