क्या अब समय आ गया है कि कोरोना आम इनफ़्लुएंज़ा में बदल जाएगा? क्या अब ओमीक्रोन ढलान पर है?
एसी ख़बरें आने लगी हैं कि पूरी दुनिया को अस्त व्यस्त करके रख देने वाला कोरोना वायरस अब आम इंफ़्लुएंज़ा में बदलने के क़रीब पहुंच गया है।
एसोशिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कई वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह इशारे देखे हैं कि कोविड-19 की ओमीक्रोन लहर ब्रिटेन में अपने चरम बिंदु पर पहुंची जबकि अमरीका में अपने चरम बिंदु पर पहुंचने वाली है इसके बाद अब इस बीमारी की ढलान शुरू हो जाएगी।
वैज्ञानिक कहते हैं कि डेढ़ महीने के भीतर शायद कोई भी एसा व्यक्ति नहीं बचेगा जो ओमीक्रोन से संक्रमित न हुआ हो।
सियाटेल में वाशिंग्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अली मेक़दाद ने कहा कि संक्रमण जिस तेज़ रफ़तार से बढ़ा है उतनी ही तेज़ी से कम होगा। एक सप्ताह के भीतर अमरीका में यह बीमारी अपने चरम पर पहुंच जाएगी और उसके बाद ढलान शुरू होगी।
उधर ब्रिटेन में कोरोना की नई लहर की ढलान शुरू हो चुकी है। इस देश में रोज़ाना की संक्रमण संख्या 2 लाख तक पहुंचने के बाद अब कम होकर 1 लाख 40 हज़ार तक आ गई है।
दक्षिणी अफ़्रीक़ा में एक महीने के भीतर यह वेरिएंट अपने चरम पर पहुंचा और उसके बाद ढलान शुरू हो गई।
ब्रिटेन की ईस्ट एंजेलिया युनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पाल हंटर ने कहा कि हम स्पष्ट गिरावट देख रहे हैं लेकिन कामना करते हैं कि अभी इसमें और भी गिरावट आए।
वहीं टोरंटो में सेंट माइकल अस्पताल के डाक्टर प्रभात झा कहते हैं कि संक्रमितों की भारी संख्या हेल्थकेयर सिस्टम पर बहुत बोझ डाल रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ सप्ताह में दबाव बहुत अधिक बढ़ सकता है।
डाक्टर मेक़दाद ने कहा कि हमें आने वाले दो तीन हफ़्तों में भारी दबाव का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
टेक्सास युनिवर्सिटी की लोरियन अंसील मायर्ज़ ने कहा कि संभव है कि ओमीक्रोन वेरिएंट कोरोना महामारी में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो। नए संक्रमण से पैदा होने वाली हर्ड इम्युनिटी और इसके साथ नई दवाएं और वैक्सीनेशन मिलकर कोरोना वायरस को इस हालत में पहुंचा देंगे कि उसके साथ जीवन सरल हो जाएगा।
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