यूक्रेन युद्ध से यूरोप की अर्थव्यवस्था हुई प्रभावित या रूसी कार्यवाही हुई प्रभावी
(last modified Thu, 14 Jul 2022 09:09:03 GMT )
Jul १४, २०२२ १४:३९ Asia/Kolkata
  • यूक्रेन युद्ध से यूरोप की अर्थव्यवस्था हुई प्रभावित या रूसी कार्यवाही हुई प्रभावी

वर्तमान समय मेंं यूरोपीय देशों में आर्थिक संकट बहुत तेज़ी से फैलता जा रहा है।

कई यूरोपीय देशों में ईंधन की क़ीमत आसमान छू रही है।  ईंधन की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी से वहां पर अन्य चीज़ें भी मंहगी हो रही हैं।

इसी बीच अमरीकी मुद्रा डालर के मुक़ाबले में यूरो में बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।  वर्तमान समय में एक डालर, एक यूरो के बराबर हो चुका है।  यूरोज़ोन में मंहगाई की दर 8.6 बताई जा रही है।

इन सबका मुख्य कारण ऊर्जा संकट को बताया जा रहा है जिसके कारण यूरोपीय देशों में गंभीर आर्थिक मंदी का ख़तरा उत्पन्न हो चुका है।  ऊर्जा संकट के साथ ही यूरोपीय देशों में खाद्यान्न संकट ने जन्म लिया है।

बिगड़ती हुई आर्थिक स्थति तथा गंभीर ऊर्जा संकट से उबरने के लिए इटली अब कुछ आपातकालीन क़दम उठाने पर मजबूर हुआ है।  हंगरी की सरकार ने भी ऊर्जा के क्षेत्र में आपातकाल स्थति की घोषणा कर दी है।  कुछ जानकारों का कहना है कि रूस द्वारा यूरोप को भेजे जा रहे कच्चे तेल और गैस के निर्यात पर रोक के कारण यह स्थति पैदा हुई है।  रूस ने नार्ड स्ट्रीम-1 पाइपलाइन से यूरोप के लिए आपूर्ति में कटौती की है।

राजनैतिक टीकाकारों का कहना है कि यह सब इसलिए हुआ है क्योंकि यूक्रेन पर सैन्य हमले के बहाने अमरीका और पश्चिम ने रूस के विरुद्ध अबतक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं।  इन प्रतिबंधों की प्रतिक्रिया में रूस ने यूरोप के लिए तेल और गैस की सप्लाई सीमित कर दी है।  यूरोप के लिए ऊर्जा की सप्लाई सीमित होने के परिणाम स्वरूप यूरोप में इस नए संकट ने जन्म लिया है।

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