आयतुल्लाह सीस्तानी के ख़त का यूएन महासचिव ने दिया जवाब, गुटेरेस ने की पवित्र क़ुरआन के अनादर की निंदा
स्वीडन और डनमार्क में हुए पवित्र क़ुरआन के अनादर के विरोध में इराक़ के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखकर इसकी निंदा की थी, इसके जवाब में गुटेरेस ने भी पवित्र क़ुरआन का अनादर करने वालो की कड़े शब्दों में निंदा की है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, हालिया दिनों में जिस तरह स्वीडन और डेनमार्क में पवित्र क़ुरआन का जनबूझकर अनादार किया गया है उससे नाराज़ इराक़ के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नाम एक पत्र लिखकर कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी तरह से ऐसे शर्मनाक कृत्य के लिए लाइसेंस जारी करने को उचित नहीं ठहराता है। उन्होंने इस तरह की घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रभावी क़दम उठाने और उन देशों को ऐसे क़ानूनों की समीक्षा करने के लिए मजबूर करने की मांग थी कि जो ऐसी नफ़रत भरी गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति देते हैं।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इराक़ के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह सीस्तानी के पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि हम स्वीडन और डेनमार्क में पवित्र क़ुरआन को लेकर होने वाली अपमानजनक कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और विश्व के इस्लामिक समाज के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं। गुटेरेस ने आयतुल्लाह सीस्तानी को दिए अपने जवाब में यह भी लिखा है कि हम आपके द्वारा पेश किए गए सुझावों पर भी गंभीरता से विचार-विमर्श कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि आयतुल्लाह सीस्तानी ने अपने पत्र में इस बात पर बल दिया था कि इस तरह का घृणित व्यवहार हाल के वर्षों में विभिन्न देशों में कई बार हुआ है, लेकिन उल्लेखनीय बात यह है कि इस बार यह स्वीडिश पुलिस की आधिकारिक अनुमति से और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने हुआ। बेशक, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी तरह से ऐसे शर्मनाक व्यवहार को लाइसेंस देने को उचित नहीं ठहराता है। (RZ)
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