स्वेडन में अब संसद के सामने क़ुरआन का अपमान, ओआईसी आपत्ति जताने के लिए यूरोप भेजेगा अपना डेलीगेशन
स्वेडन में पिछले कुछ हफ़्तों के भीतर दो बार क़ुरआन की बेअदबी घटनाओं के बाद अब संसद के सामने फिर क़ुरआन की बेअदबी की गई है। इस बार भी पुलिस की अनुमति और देखरेख में यह घटिया हरकत अंजाम दी गई है।
इस्लामी सहयोग संगठन ओआईसी ने इस रवैए की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि एक डेलीगेशन यूरोप भेजा जाएगा और जो यूरोपीय सरकारों के सामने आपत्ति दर्ज कराएगा।
डेनमार्क में भी क़ुरआन के अनादर की घटना हुई है।
डेनमार्क और स्वेडन की सरकारें कहती हैं कि वे क़ुरआन के अनादर की घटनाओं को रोक नहीं सकतीं क्योंकि यह हरकत अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में आती है। मगर दूसरी तरफ़ इस्लामी जगत से बिगड़ते अपने रिश्तों को दुरुस्त करने की उनकी कोशिशें भी जारी हैं।
स्वेडन के विदेश मंत्री टोबियस बेलस्ट्रोम ने कहा कि हम कई इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों के संपर्क में हैं और ओआईसी के सभी सदस्यों को पत्र भेजा गया है।
उनका कहना था कि इस प्रकार की घटनाएं अंजाम देने के लिए पुलिस से अनुमति मिलती है और सरकार इस प्रक्रिया में दख़ल नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि इस्लाम के ख़िलाफ़ इस प्रकार की नफ़रती घटनाओं को हम ख़ारिज कर चुके हैं।
डेनमार्क की सरकार ने रविवार को बयान दिया कि हम पवित्र किताबों के अपमान की घटनाएं अंजाम देने वाले प्रदर्शनों पर रोक लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं।
स्वेडन के प्रधानमंत्री ओल्फ़ क्रिस्टरसन ने कहा कि हमारा देश इस समय दूसरे विश्व युद्ध के बाद की सबसे ख़तरनाक सुरक्षा परिस्थितियों से गुज़र रहा है और हम भी इस बारे में विचार कर रहे हैं कि पवित्र पुस्तकों का अनादर करने वाले प्रदर्शनों को किस तरह रोका जा सकता है।
दूसरी तरफ़ सऊदी अरब और इराक़ के आहवान पर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई जिसमें इन घटनाओं की समीक्षा की गई। संगठन ने फ़ैसला किया है कि एक प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय संघ के लिए भेजा जाएगा जो स्वेडन और डेनमार्क की सरकारों द्वारा क़ुरआन के अनादर की अनुमति देने के खिलाफ़ अपनी आपत्ति जताएगा।
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