पाकिस्तान, इमरान ख़ान और शाह महमूद क़ुरैशी को 10-10 साल की सज़ा
पीटीआई नेता बैरिस्टर गौहर का कहना है कि साइफ़र मामले के फैसले पर कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं होना चाहिए और क़ानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।
रावलपिंडी की अडियाला जेल की एक विशेष अदालत ने पीटीआई के संस्थापक इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को साइफ़र मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई।
आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनात ज़ुल्क़रनैन ने मौखिक रूप से एक संक्षिप्त फ़ैसला सुनाया।
फैसला सुनाए जाने के समय पीटीआई के संस्थापक और शाह महमूद कुरेशी अदालत कक्ष में मौजूद थे।
गौरतलब है कि पीटीआई के अध्यक्ष ने अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत के संदेशों या साइफ़र के आधार पर अपनी सरकार के ख़िलाफ़ साजिश की एक कहानी तैयार की थी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने में अमेरिका का हाथ था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में साइफ़र को लेकर पीटीआई सरकार के दृष्टिकोण को नकार दिया गया है।
पीटीआई नेता बैरिस्टर गोहर ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मामले संविधान और क़ानूनी प्रक्रिया से बाहर चल रहे हैं, जज ने उनकी ओर से सवाल पूछा, हमें उनसे क्या उम्मीद करनी चाहिए?
पीटीआई नेता ने यह भी कहा कि वे चुनाव से हमारा ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, 8 फरवरी को सभी को जवाबदेह ठहराया जाएगा। (AK)
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