रोहिंग्या मुसलमानों की दयनीय स्थिति पर यूनीसेफ़ की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र संघ बाल कोष (यूनीसेफ़) ने बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों की दयनीय स्थिति के संबंध में चेतावनी दी है।
बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर रोहिंग्या मुसलमानों के शरणार्थी शिविर का दौरा करने वाले यूनीसेफ़ के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि लगभग 90 प्रतिशत रोहिंग्या शरणार्थी कुपोषण का शिकार हैं और अत्यंत दुर्दशा में जीवन बिता रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि रोहिंग्या शरणार्थी 24 घंटे में केवल एक बार खाने खाते हैं और लगभग डेढ़ लाख बच्चों और महिलाओं को कुपोषण की स्थिति से बाहर निकलने लिए तुरंत मदद की ज़रूरत है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने पिछले कुछ दिनों में रोहिंग्या मुसलमानों की दयनीय स्थिति के दृष्टिगत, म्यांमार की सरकार की ओर से राख़ीन प्रांत में जाने की अनुमति न दिए जाने को अस्वीकार्य बताया है। समाचारिक सूत्रों का कहना है कि क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार पर कड़ी चेतावनियां दिए जाने के बावजूद इस देश में मुसलमानों का जनसंहार जारी है। म्यांमार की सेना और चरमपंथी बौद्धों ने अगस्त के अंत से राख़ीन प्रांत में मुसलमानों के जनसंहार और उनके घरों को जलाने का सिलसिला शुरू कर रखा है। (HN)