Jun १५, २०२४ १५:१५ Asia/Kolkata
  • संकटों को सुलझाने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नाकामी/मजबूर शरणार्थियों की संख्या 120 मिलियन तक पहुंच गई
    संकटों को सुलझाने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नाकामी/मजबूर शरणार्थियों की संख्या 120 मिलियन तक पहुंच गई

संयुक्त राष्ट्र संघ के शरणार्थियों के मामलों के उच्चायुक्त ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में घोषणा की है कि दुनिया भर में मजबूर शरणार्थियों की संख्या 12 करोड़ तक तक पहुंच गई है।

इस रिपोर्ट में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि पिछले 12 वर्षों में मजबूर शरणार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है और मई 2024 तक मजबूर शरणार्थियों की संख्या में 120 मिलियन लोगों तक पहुंचना, नयी लड़ाईयों और और बदलते संघर्षों का नज़ारा पेश कर रहा है लेकिन निश्चित रूप से दीर्घकालिक संकटों को हल करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय बुरी तरह से नाकाम रहा है।

पार्सटुडे के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े यह बताते हैं कि दुनिया की विस्थापित आबादी, दुनिया के 11वें सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश जापान के बराबर पहुंच गयी है।

दुनिया भर में जबरन विस्थापित लोगों की संख्या में वृद्धि की एक अहम वजह, सूडान, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो और म्यांमार सहित कई देशों में विनाशकारी संघर्ष रहा है और 2023 के आख़िर में लगभग 1 करोड़ 80 लाख सूडानियों को जबरन विस्थापन का सामना करना पड़ा था।

अब भी ग़ज़ा में युद्ध की वजह से दुनिया में मजबूर शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है।

UNRWA (फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी) का अनुमान है कि पिछले साल के अंत तक, ग़ज़ा पट्टी में 1.7 मिलियन से अधिक लोग यानी (जनसंख्या का 75 प्रतिशत) हिंसा से विस्थापित हो गए थे।

कीवर्ड्स: दुनिया में विस्थापन, शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का उच्चायुक्त, ग़ज़ा युद्ध, यूएनआरडब्ल्यूए, इस्राईली अपराध।  (AK)

 

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