अफ़ग़ान तालेबान ने सऊदी अरब के वहाबी मुल्लाओं की मांग को ठुकराया
(last modified Thu, 12 Jul 2018 14:25:27 GMT )
Jul १२, २०१८ १९:५५ Asia/Kolkata
  • अफ़ग़ान तालेबान ने सऊदी अरब के वहाबी मुल्लाओं की मांग को ठुकराया

सऊदी अरब में आयोजित वहाबी मुल्लाओं की बैठक में आले सऊद के राजकुमार ख़ालिद अल-फ़ैसल ने तालेबान से वार्ता शुरू करने का आग्रह किया है, लेकिन तालेबान ने वहाबी मुल्लाओं की मांग को खारिज कर दिया है।

मेहर समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, सऊदी अरब में आयोजित वहाबी मुल्लाओं की बैठक में अमेरिका समर्थक राजकुमार ख़ालिद अल-फ़ैसल ने अफ़ग़ानिस्तान के कट्टरपंथी गुट तालेबान पर इस बात का दबाव बनाने का प्रयास किया है कि वह हथियार रखकर बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए। दूसरी ओर तालेबान ने ख़ालिद अल-फ़ैसल सहित बहाबी मुलाओं की सभी मांगों को ख़ारिज करते हुए उक्त बैठक की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि आले सऊद और वहाबी मुल्ला पूरी दुनिया में इस्लाम के पैग़ाम को फैलाने के बजाए अमेरिकी कुफ़्र को बढ़ावा दे रहे हैं।

सऊदी समाचार एजेंसी (एसपीए) के अनुसार राजकुमार ख़ालिद अल-फ़ैसल ने स्पष्ट किया कि आज हम बहुत आशावादी हैं कि हमारे प्रयासों से अतीत के काले अध्याय बंद हो जाएंगे और नए युग की शुरुआत होगी साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि यह सब तभी व्यावहारिक हो सकता है जब अफ़ग़ानिस्तान के सभी पक्ष सहनशीलता और पूरी समझदारी के साथ वार्ता की मेज़ पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि जो रास्ता हम बता रहे हैं वही इस्लामी तरीक़ा भी है।

उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के जेद्दा शहर में आयोजित दुनिया भर के वहाबी दरबारी मुल्लाओं की 2 दिवसीय बैठक के समापन समारोह को संबोधित करते हुए आले सऊद के राजकुमार ख़ालिद अल-फ़ैसल ने अफ़ग़ानिस्तान के सभी पक्षों को वार्ता की मेज़ पर बैठने का निमंत्रण दिया जबकि तालेबान ने सऊदी अरब की मांग को खारिज कर दिया है।

इस बीच मध्यपूर्व के मामलों के ज़्यादातर जानकारों का मानना है कि अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान सहित अरब देशों में जो आज आतंकवाद देखा जा रहा है उसका असली ज़िम्मेदार सऊदी अरब है जिसने अमेरिका के इशारे पर इस क्षेत्र में आतंकवाद और वहाबी सोच को बढ़ावा दिया है और स्वयं कट्टरपंथी आतंकवादी गुट तालेबान को अस्तित्व में लाने में भी सऊदी अरब ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन अब जब तालेबान ने अपने आक़ाओं की बात को भी सुनना बंद कर दिया तो एक बार फिर अमेरिका, सऊदी अरब की मदद से तालेबान को मनाने का प्रयास कर रहा है। (RZ)

 

टैग्स