रोहिंग्या मुसलमानों की पीढ़ी के विलुप्त होने का ख़तरा हैः यूनीसेफ़
संयुक्त राष्ट्र संघ की बच्चों की संस्था यूनीसेफ़ ने म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा पर विस्थापित कैंपों में मुसलमानों की पीढ़ी के विलुप्त होने के ख़तरे के बारे में सचेत किया है।
सीजीटीएन न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार यूनीसेफ़ के प्रवक्ता साइमन इन्ग्राम ने गुरुवार को सचेत किया कि पांच लाख से अधिक रोहिंग्या बच्चे बांग्लादेश के शरणार्थी कैंपों में बीमारियों और तूफ़ानों के ख़तरों का सामना कर रहे हैं जिससे सबसे अधिक नुक़सान बच्चों को हो रहा है।
यूनीसेफ़ के प्रवक्ता ने कहा कि इस विषय में म्यांमार के राख़ीन प्रांत में बाक़ी बचे बच्चे भी शामिल हैं।
इन्ग्राम ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुमानों के अनुसार पांच लाख तीस हज़ार से 6 लाख तक रोहिंग्या मुसलमान, राख़ीन प्रांत मे बाक़ी बचे हैं और इनमें से तीन लाख साठ हज़ार बच्चे हैं। (AK)