आप अगर ग़ुस्सा होते हैं तो क्या करते हैं? ग़ुस्सा आने पर अब न हों परेशान, क्योंकि आपको मिलेगा उसे निकालने का मौक़ा!
(last modified Thu, 25 Feb 2021 09:08:03 GMT )
Feb २५, २०२१ १४:३८ Asia/Kolkata
  • आप अगर ग़ुस्सा होते हैं तो क्या करते हैं? ग़ुस्सा आने पर अब न हों परेशान, क्योंकि आपको मिलेगा उसे निकालने का मौक़ा!

दुनिया में लोगों की एक बहुत बड़ी संख्या है जो जल्दी ग़ुस्सा हो जाते हैं और जब झुंझला जाते हैं तो उन्हें अपना ग़ुस्सा निकालने के लिए किसी चीज़ का सहारा लेना पड़ता है। कभी वे दूसरों पर चिल्लाते हैं या फिर घर के सामान को तोड़ते हैं। अब ऐसे लोगों को परेशान होने की ज़रूत नहीं है क्योंकि उनके लिए अब एक कमरा बना दिया गया है।

ब्राज़ील के लोगों को निराशा और तनाव से बाहर निकलने के लिए एक अनोखा कमरा मिल गया है। इस कमरे का नाम "रेज़ रूम" है। लोग इस कमरे में अपना गुस्सा और रोष निकालने के लिए आ सकते हैं। साओ पाउलो के पास इस गोदाम में रखे पुराने टीवी, कंप्यूटर और प्रिंटर पर हथौड़े चलाकर लोग अपनी भड़ास निकाल सकते हैं। मशीनों को तोड़कर और शीशों को चकनाचूर कर वे अपना तनाव कम कर सकते हैं। 42 साल के वांडरलेई रोड्रिग्स ने इस "क्रोध कमरे" को साओ पाउलो के पास स्थित सिडाडे तिरादेंतेस इलाक़े में खोला है। वह बताते हैं कि उनके पास उचित संख्या में ग्राहक आते हैं, ख़ासकर महामारी के दौरान अपना ग़ुस्सा निकालने के लिए ग्राहक यहां आ रहे हैं। रोड्रिग्स के मुताबिक़,"मुझे लगता है कि इसे इस इलाक़े में खोलने के लिए यह सबसे अच्छा मौक़ा था। क्योंकि लोग बहुत तनाव और चिंता से गुज़र रहे हैं।"

"रेज़ रूम" में अगर कोई अपना ग़ुस्सा निकालना चाहता है तो उसे क़रीब साढ़े चार डॉलर ख़र्च करने होंगे। कमरे में जाने के पहले व्यक्ति को सुरक्षात्मक सूट और हेलमेट पहनने पड़ते हैं। वे उन मुद्दों को दीवारों पर लिखते हैं जो उन्हें परेशान कर रहे हैं और उसके बाद वही शब्द उनके ग़ुस्से का निशाना बनते हैं। ग़ुस्से को बाहर निकालने वाले कमरे का अनुभव कर चुके 40 साल के एलेक्ज़ेंडर बताते हैं कि काम के लिए हर दिन घर से दो घंटे की ड्राइव करते हैं। वे कहते हैं महामारी के कारण वे स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं। वे बताते हैं, "यहां आकर अपना ग़ुस्सा और क़ैद की हुई भावनाओं को बाहर निकाल देना अच्छा लगता है।" वहीं दो बेटियों की मां और बेरोजगार लुसियाना होलांडा कहती हैं कि वे अपनी निराशा "रेज़ रूम" में निकालना पसंद करती हैं। होलांडा कहती हैं, "तनाव से भरा होना, एक मां होने के साथ काम नहीं होना यह कुछ हद तक गुस्सा जाहिर करने का अच्छा तरीक़ा है। लूसियाना कहती हैं कि मैं अपनी बेटियों या अन्य किसी व्यक्ति पर ग़ुस्सा नहीं निकाल सकती। इसलिए मैं चीज़ें तोड़ना पसंद करती हूं।" (RZ)

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