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इस्लाम और मानवाधिकार- 64
मनुष्य जब अपने धार्मिक बंधुओं से अधिक रुचि व्यक्त करना चाहता है तब वह उसे अपना दोस्त और मित्र कहता है किन्तु इस्लाम ने मुसलमनों की दोस्ती के रिश्ते को इतना ऊपर उठा दिया है कि दो मनुष्यों के बीच सबसे निकट रिश्ता हो गया, इस रिश्ते का आधार बराबरी और समानता है और इस रिश्ते में दोनों मित्रों के बीच बराबर के संबंध पाए जाते हैं।