फ़ार्स खाड़ी के ईरानी द्वीप- 2
फ़ार्स खाड़ी में ईरानी द्वीप इस विशाल जलक्षेत्र आकर्षण में शामिल हैं जिनके बारे में आपको इस कार्यक्रम श्रंख्ला में बताएंगे।
आपको याद होगा कि पिछले कार्यक्रम में हमने आपको यह बताया कि फ़ार्स की खाड़ी योरोप, अफ़्रीक़ा, दक्षिण व दक्षिण पूर्वी एशिया को जोड़ने वाला क्षेत्र है। फ़ार्स खाड़ी पश्चिम एशिया में स्थित होने के नाते ये तीनों महाद्वीपों में सपर्क बनाने वाला सबसे अहम केन्द्र है। यही वजह है कि फ़ार्स की खाड़ी लंबे समय से साम्राज्यवादी शक्तियों और दुनिया के व्यापारियों के ध्यान का केन्द्र रही है। यह क्षेत्र दुनिया में ऊर्जा के बहुत ही विशाल व अहम स्रोतों से संपन्न है और भूराजनीति, रणनीति, ऊर्जा, इतिहास और सभ्यता की दृष्टि से दुनिया में एक अहम व संवेदनशील जलक्षेत्र समझा जाता है।
भूवैज्ञानिकों का मानना है कि लगभग 5 लाख साल पहले फ़ार्स की खाड़ी ईरान के दक्षिणी मैदानों के साथ वजूद में आयी और समय बीतने के साथ भूविज्ञान के प्रभाव से मौजूदा रूप में आयी। फ़ार्स की खाड़ी के कुछ द्वीप जैसे क़िश्म और कीश, ज़ाग्रुस पर्वत श्रंख्ला के ट्रेल और हुर्मुज़ व अबू मूसा जैसे दूसरे द्वीप साल्ट डोम की श्रेणी में आते हैं। फ़ार्स खाड़ी के कुछ द्वीपों में विभिन्न प्रकार के पशुओं की प्रजातियां रहती हैं। कुछ द्वीपों को संरक्षित क्षेत्र बना दिया गया है। फ़ार्स खाड़ी के कुछ द्वीपों में प्राचीन ईरान के हज़ारों साल पुराने अवशेष मौजूद हैं।
फ़ार्स की खाड़ी और इसके द्वीपों में ऐसे पशु रहते हैं कि उनमें से कुछ सबसे सुंदर समुद्री जीव में गिने जाते हैं और इन द्वीपों के तट उनकी जीवन स्थली है। इसी वजह से फ़ार्स खाड़ी में ईरानी द्वीपों में विकास और पूरी दुनिया से पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार संभावना मौजूद है।
फ़ार्स खाड़ी के उत्तरी द्वीपों का ईरान मालिक है। ये द्वीप फ़ार्स खाड़ी के दक्षिणी और पश्चिमोत्तरी द्वीपों की तुलना में अधिक आबाद व रहने योग्य हैं। फ़ार्स खाड़ी के दक्षिणी और पश्चिमोत्तरी द्वीपों के मालिक अरब देश हैं। फ़ार्स खाड़ी में ईरानी द्वीपों में से एक द्वीप क़िश्म है। यह द्वीप अकेले इतना बड़ा है कि दुनिया के 22 देशों से ज़्यादा इसका क्षेत्रफल है। फ़ार्स खाड़ी में ईरानी द्वीपों में से कुछ द्वीप में मीठा पानी नहीं है और वहां आबादी भी नहीं है लेकिन कुछ द्वीपों में विकास व पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार संभावना मौजूद है। अलबत्ता वे द्वीप जहां आबादी नहीं है वे रणनैतिक दृष्टि से बहुत अहम हैं। इसकी मिसाल तुंबे कूचक है। जो रहने के लिए तो उचित नहीं है रणनैतिक दृष्टि से इस्लामी गणतंत्र ईरान के लिए बहुत अहम है बिल्कुल उसी तरह जिस तरह तुंबे बुज़ुर्ग और अबू मूसा रणनैतिक दृष्टि से ईरान के लिए अहम हैं।
फ़ार्स की खाड़ी के द्वीपों में 30 द्वीप ईरान के हैं जिनमें से कुछ आबाद और कुछ ग़ैर आबाद हैं। इनमें से कुछ द्वीप ज्वार की हालत में डूब जाते हैं इसलिए ग़ैर आबाद हैं। फ़ार्स की खाड़ी के ग़ैर आबाद द्वीप समुद्री मूंगों के पनपने, टैन पक्षी, कछुओं और पलायनकर्ता पक्षियों के अंडे देने का स्थल है। ये द्वीप इस दृष्टि से विश्वस्तर पर बहुत अहम हैं।
ईरान के हुर्मुज़गान प्रांत के अधीन जो द्वीप हैं उनके नाम कीश, क़िश्म, तुंबे बुज़र्ग, तुंबे कूचक, अबू मूसा, लावान, शोतूर, हिन्दुराबी, फ़रवरे बुज़ुर्ग, फ़रवरे कूचक, सैरी, लार्क, नाज़, हुर्मुज़ और हंगाम हैं।
जो द्वीप ईरान के बूशहर प्रांत के अधीन हैं उनके नाम ख़ार्क, ख़ार्कू, अब्बासक, मीर महना, फ़ारसी, नुख़ैलू, तहमादू, गर्म, उम्मुल करम, शैख़ुल करामा, शीफ़, मताफ़, मुर्ग़ी, चेराग़ी, उम्म सीला, से दन्दून और मौलियात द्वीप हैं। फ़ार्स खाड़ी में 5 और द्वीप हैं जो ख़ूज़िस्तान प्रांत के अधीन हैं। इन द्वीपों के नाम मीनू, ख़ुर मूसा, बूने, दारा और क़ब्रे नाख़ुदा हैं।
जिस समय ईरान के ज़्यादातर क्षेत्रों में बर्फ़बारी और शीत ऋतु होती है, फ़ार्स खाड़ी के ज़्यादातर द्वीपों की जलवायु बहुत ही संतुलित व लुभावनी होती है। वनस्पतियां और फूल खिलते हैं और स्थानीय लोग और पर्यटक जाड़े के कपड़ों के साथ मौसम का मज़ा लेते हैं।
फ़ार्स खाड़ी के द्वीप अत्यधिक सुंदर होने, फ़ार्स खाड़ी के जलचरों को देखने, वॉटर स्पोर्टस की संभावना और सैर करने के लिए विशेष जेटी से संपन्न होने के कारण पिछले कुछ दशकों के दौरान देशी व विदेशी पर्यटकों की सैर व मनोरंजन के केन्द्र बने हुए हैं।
पिछले कुछ साल से क़िश्म द्वीप भी ईरानी व विदेशी व्यापारियों और पर्यटकों के ध्यान का केन्द्र बना हुआ है। इसके पीछे इस द्वीप की अद्भुत प्रकृति है। क़िश्म द्वीप अपने इतिहास में विभिन्न जातियों की आवाजाही का केन्द्र रहा है यही वजह है कि क़िश्म द्वीप की स्थानीय भाषा में फ़ारसी, हिन्दी यहां तक कि अंग्रेज़ी के भी शब्द इस्तेमाल होते हैं। नमक का पहाड़, सितारों को देखने वाली घाटी, मैन्ग्रूव के जंगल, और मूंगे की चट्टान वे आकर्षण हैं जिन्हें देखने के लिए पर्यटकों का तांता बंधा रहता है और यह द्वीप अपनी इन विशेषताओं की वजह से इकोटूरिज़्म का स्वर्ग कहलाता है।
अलबत्ता इन दोनों द्वीपों कीश और क़िश्म और ईरान के अन्य द्वीपों का विकास कार्य शुरु हो गया है। पर्यटकों की संख्या और ईरानी व विदेशी पूंजिनिवेश से ये द्वीप विकास का मार्ग तय कर रहे हैं। वैसे फ़ार्स की खाड़ी और इसके सभी तटवर्ती देशों का विकास तभी मुमकिन है जब सभी देश ग़लत दावे करने और विदेशियों के उकसावे में आने के बजाए इस बात को समझें कि ईरान के साथ मिल कर फ़ार्स की खाड़ी को विकसित व पहले से ज़्यादा धनवान क्षेत्र बना सकते हैं। इसके अलावा पर्यावरणविद् फ़ार्स खाड़ी में बढ़ते प्रदूषण की ओर से सचेत कर रहे हैं। तेल और पेट्रोलियम पदार्थ के कारण फ़ार्स की खाड़ी रासायनिक प्रदूषण का शिकार हो रही है और मानव गतिविधियां इस प्रदूषण को और बढ़ा रही हैं लेकिन ये सभी गतिविधियां सैन्य गतिविधियों के मुक़ाबले में बहुत कम लगती हैं और टीकाकारों की नज़र में फ़ार्स की खाड़ी को बचाने का सिर्फ़ एक रास्ता इसे शांति का क्षेत्र बनाने और इस क्षेत्र से विदेशियों को निकाल बाहर करने में निहित है।