May ०८, २०१८ १६:०१ Asia/Kolkata

क़िश्म द्वीप, फ़ार्स की खाड़ी में स्थित सबसे बड़ा द्वीप है।

यह द्वीप फ़ार्स की खाड़ी में पूर्व से पश्चिम की ओर फैला है। क़िश्म द्वीप का उत्तरी भाग पतला है जिसकी गहराई कम है जबकि इसका दक्षिणी भाग अपेक्षाकृत चौड़ा और गहरा है। इसका तटवर्ती क्षेत्र बहुत ही सुन्दर है।

 

क़िश्म द्वीप लगभग 120 किलोमीटर लंबा है। इसकी चौड़ाई 10 से 35 किलोमीटर तक है अर्थात इसकी सबसे कम चौड़ाई 10 किलोमीटर और अधिकतम चौड़ाई 35 किलोमीटर है। इस द्वीप में कम ऊंचाई वाली पहाड़ियां और टीले हैं। क़िश्म में सबसे ऊंची पहाड़ी 350 मीटर की है। इस द्वीप का मौसम आर्द्र रहता है। कुछ महीनों के दौरान यहां की आर्द्रता बढ़कर 95 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। क़िश्म द्वीप में कई प्रकार के पक्षी रहते हैं। इसके चट्टानों वाले तट पर 150 से अधिक प्रकार के पक्षी वास करते हैं। क़िश्म द्वीप में बहुत विविधता पाई जाती है।

जैविक विविधता वाले या जैविक पार्कों का चलन विश्व स्तर पर 21 वीं शताब्दी से आरंभ हुआ जिन्हें जियोपार्क भी कहा जाता है। इस प्रकार के पार्कों का पंजीकरण 21 वीं शताब्दी से शुरू हुआ। वर्तमान समय में यूनेस्को में 80 जैविक पार्कों का पंजीकरण कराया जा चा है। फ़ार्स की खाड़ी में पाया जाने वाला क़िश्म जैविक पार्क, ईरान ही नहीं बल्कि मध्यपूर्व शंकुआकार टीले दिखाई देते हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि यह धरती से निकले हैं और अपनी आरंभिक शक्ल में अब भी मौजूद हैं। यहां पर गंधक का एक सोता भी है जो त्वचा संबन्धी उपचार के लिए बहुत लाभदायक है। जानकारों का कहना है कि इनको देखकर ऐसा लगता है कि यहां पर भारी मात्रा में तेल और गैस के भण्डार हैं। क़िश्म द्वीप के इस क्षेत्र को हालांकि बहुत कम लोग ही देखने आते हैं किंतु यहां पर पाया जाने वाला आकर्षण और मौन लोगों को यहां पर रुकने के लिए विवश करता है।

 

यहां पर तलछटी परतों से बनी एक घाटी है जिसे ''दर्रे शूर'' कहा जाता है। स्थानीय लोग इस घाटी को मकीने या हूबाद कहते हैं। यहां की सबसे ऊंची चोटी लगभग 400 मीटर ऊंची है। दर्रे शूर की दो चीज़ें इनसान को बहुत आकर्षित करती हैं। प्रथम तो इसकी विशेषता, आकृति विज्ञान से संबन्धित है जिसने इसे अति सुन्दर बना दिया है। दूसरे यहां पर पाई जाने वाली शांति। इस स्थान पर पाए जाने वाले गंधक के सोतों ने भी क्षेत्र की सुन्दरता में चार चांद लगा दिये हैं। इसको देखकर ऐसा लगता है कि की दक्ष चित्रकार ने बड़े ध्यानपूर्वक इसकी रचना की है। हालांकि इसकी केवल यही विशेषता नहीं है बल्कि गंधक के सोतों के अन्य लाभों के कारण प्रतिवर्ष हज़ारों की संख्या में लोग इससे लाभन्वित होने के लिए आते हैं।

यहां से कुछ दूरी पर पानी का एक सकरा मार्ग है जो बहुत ही साफ़ और सुन्दर है । यह इतना सुन्दर है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम का पहला जैविक पार्क है। ईरान का पहला जैविक पार्क, फ़ार्स की खाड़ी में स्थित होने के कारण विशेष महत्व का स्वामी है।

 

क़िश्म के जैविक पार्क का क्षेत्रफल 80 हज़ार हेक्टर है। यह क़िश्म द्वीप के पश्चिम में स्थित है। सन 2006 में इसे मध्यपूर्व के एकमात्र जियोपार्क के रूप में पंजीकृत किया गया था। जैविक पार्कों की दृष्टि से ईरान इस समय विश्व में 19 वें नंबर पर है। वैश्विक स्तर के क़िश्म जैविक पार्क में कई दर्शनीय स्थल हैं जिनमें से एक बामे क़िश्म है अर्थात क़िश्म की छत । यह बहुत ही सुन्दर और देखने योग्य स्थल है। यह द्वीप के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। इसका पठारी क्षेत्र 120 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां पर चिकनी मिट्टी की परतें और बालू दिखाई देती है। बामे क़िश्म में भूवैज्ञानिक आकर्षण से अधिक, सौंदर्य आकर्षण पाया जाता है। इस स्थान से हरेभरे जंगलों और प्रतिमाओं के रूप में स्थित पहाड़ियों को देखा जा सकता है जो बहुत ही सुन्दर दृश्य उत्पन्न करती हैं।

 

क़िश्म के जैविक पार्क का एक अन्य दृश्य यहां पर पाई जाने वाली प्रतिभाओं की घाटियां हैं। यहां पर विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक प्रतिभाएं मौजूद हैं। यह प्राकृतिक रूप में बनी प्रतिभाएं हैं जो देखने में बहुत सुन्दर लगती हैं। इस स्थान पर हर ओर गीली मिट्टी की परतें दिखाई देती हैं।

क़िश्म द्वीप के दक्षिणी तट पर एक जिर्जन क्षेत्र स्थित है जिसे '' कासे सलख़'' के नाम से जानते हैं। यह लगभग 7 किलोमीटर लंबा और 5 किलोमीटर चौड़ा है। यहां पर किसी भी प्रकार की वनस्पति नहीं पाई जाती । यह क्षेत्र पूर्ण रूप से निर्जन है। यहां पर सैकड़ों की संख्या में है। इस स्थान पर वनस्पतियों के साथ ही प्राचीन वृक्ष भी पाए जाते हैं।

 

यहां पर गीली मिट्टी की परतों और नमी इस बात को सिद्ध करती है कि यहां पर आद्रता बहुत अधिक है। यहां पर जो नमी है इसके कारण इस स्थान पर मौजूद मिट्टी विभिन्न आकार में परिवर्तित हो चुकी है। अलग अलग आकार के बने रूप देखने वाले को बहुत आर्षित करते हैं।

 

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