आयतें और निशानियां- 1
दुनिया और उसकी प्रकृति की ओर एक गतिशील नज़र डालने के बाद ही हम इस दुनिया की सच्चाई को पहचान सकते हैं।
दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे सुंदर ज्ञान ईश्वर को पहचानना है। ईश्वर की उपासना से मनुष्य को वह स्थिति प्राप्त होती है जहाँ से वह अधिक सूक्ष्मता, दूरदर्शिता एवं विवेक के साथ संसार और उसकी परिस्थितियों को पहचान सकता है।
ईश्वर और उसकी निशानियों के बारे में के इस कार्यक्रम में हम पवित्र क़ुरआन के माध्यम से इस संसार में ईश्वर द्वारा पैदा की जाने वाली हैरतअंगेज़ निशानियों के बारे में चर्चा करेंगे। कृपया इस कार्यक्रम में आप हमारे साथ रहें।
हर सुबह जब हम उठते हैं तो एक हैरतअंगेज़ और सुंदर दुनिया को अपने सामने पाते हैं। सुबह की ताज़ी हवा, नीला आसमान, हरे भरे पेड़ पौधे और परिंदों की मधुर आवाज़ें इत्यादि यह सब ईश्वर की बेमिसाल और हैरतअंगेज़ चीज़ें है जो इस दुनिया को सुंदर बनाती हैं।
जबकि अधिकतर हम जानबूझकर इन सभी चीज़ों की ओर ध्यान नहीं देते हैं लेकिन यह सारी आश्चर्यजनक चीज़ें इंसान की ज़िन्दगी में एक विशेष तरह की ताज़गी और ख़ुशहाली पैदा करती हैं। दुनिया में मौजूद सुंदर प्रकृति हमें उस ईश्वर की याद दिलाता है जिसने अपनी इन सभी आश्चर्यजनक चीज़ों का निर्माण किया है।
दुनिया और उसकी प्रकृति की ओर एक गतिशील नज़र डालने के बाद ही हम इस दुनिया की सच्चाई को पहचान सकते हैं इसका अर्थ यह है कि दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे सुंदर ज्ञान ईश्वर को पहचानना है और यह प्रकृति है जो ईश्वर की शक्ति उसकी युक्ति को दर्शाती है।
पवित्र क़ुरआने करीम में 750 से अधिक बार प्रकृति की ओर इशारा किया गया है और इस सुंदर प्रकृति के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बताया गया है। ज़्यादातर आयतों में इंसानों को इस बात सिफारिश की गई है कि वह प्रकृति की सुंदर किताब को पढ़ें और उससे पाठ सीखें।
ईश्वर अपनी पवित्र किताब क़ुरआने करीम में प्राकृतिक संरचनाओं को अपनी निशानियों के रूप में याद करता है। इस कार्यक्रम में हम चाहते हैं कि क़ुरआन के माध्यम से आपको ईश्वर द्वारा इस दुनिया में पैदा की गई आश्चर्यजनक चीज़ों से अवगत कराएं। इसलिए इस कार्यक्रम का आरंभ हम ईश्वर के प्रकृति प्रभाव और उसकी सुंदरता से कर रहे हैं।
प्रकृति में भ्रमण, पहाड़ों और समुद्रों की सैर और सुंदर परिदृश्य यह सब ऐसी चीज़ें हैं जो हमें इन सबको पैदा करने वाले महान ईश्वर से परिचित कराती हैं और यही वह महत्वपूर्ण चीज़ें हैं जो मनुष्य के शरीर और मन के स्वास्थ्य और भलाई के लिए होती हैं।
इसी कारण क़ुरआन के सूरए अनकबूत की 20वीं आयत में आया है किः
(قُلْ سِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَانْظُرُوا كَيْفَ بَدَأَ الْخَلْقَ ثُمَّ اللَّهُ يُنْشِئُ النَّشْأَةَ الْآخِرَةَ إِنَّ اللَّهَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ)
हे पैग़म्बर कह दीजिए कि "यात्रा करो और धरती पर घूमो फिरो और देखो कि कैसे सृष्टि शुरू हुई और फिर ईश्वर एक और दुनिया पैदा करेगा निश्चित रूप से ईश्वर हर चीज़ में सक्षम है।
साथियों हमारे साथ रहें हम अपने दूसरे कार्यक्रमों के माध्यम से एक के बाद एक ईश्वर द्वारा आश्चर्यकित कर देने वाली प्रकृति के बारे में पवित्र क़ुरआन की रोशनी में विस्तार से बताएंगे। (RZ)
آیات و نشانه های (شگفتی های آفرینش( (2)
ईश्वर द्वारा पैदा की गई सुंदर प्रकृति और उसकी निशानियां
ईश्वर द्वारा इस दुनिया में पैदा की गईं आश्चर्यजनक चीज़ों में से एक आसमान है। पवित्र क़ुरआन की विभिन्न आयतों में आसमान की ओर इशारा किया गया है। इस कार्यक्रम में हम आसमान के अलग-अलग पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
इंसान दुनिया के किसी भी कोने से इस दुनिया को देखेगा तो उसको ईश्वर द्वारा पैदा की गई बेमिसाल और हैरतअंगेज़ प्रकृति और उसकी सुंदरता देखने को मिलेगी, केवल शर्त यह है कि वह अपनी आंखे बंद न करे, स्वयं को अज्ञानता में न डाले और ईश्वर द्वारा पैदा की गई चीज़ों को पहचानकर उसपर ईमान ले आए।
ईश्वर को पहचानने का सबसे अच्छा और सरल तरीक़ा यह है कि मनुष्य इस दुनिया में मौजूद आश्चर्यजनक और हैरतअंगेज़ प्रकृति के बारे में अध्यन करे। जैसा कि सूरए ग़ाशिया में आया है कि “क्या वह लोग ऊँट की तरफ़ नही देखते हैं कि इसको किस तरह पैदा किया गया है? आसमान की ओर नहीं देखते कि उसको कैसे स्थापित किया गया है? पहाड़ों को कैसे उनके स्थान पर स्थापित किया गया है अर्थात दृढ़ता प्रदान की गई है? और ज़मीन को कैसे बिछाया गया है? केवल टोकते रहो क्योंकि तुम सिर्फ़ नसीहत करने वाले हो”
इसी तरह पवित्र क़ुरआन में शांत और मूक प्रकृति के बारे में बहुत सारी बातें कही गईं हैं। जैसे आकाश, चंद्रमा, सितारों और आकाशगंगाओं के संबंध में काफ़ी दिलचस्प बातें बताई गईं हैं। आकाश हमेशा से मनुष्य के लिए रोचक मुद्दों में से एक रहा है। यह इंसानों के लिए एक ऐसा अवसर है कि वह आसमान की ओर देखे और उसकी संदुरता से आनंद ले। रात के अंधरे में जब इंसान शहर से दूर किसी जंगल में होता है, जहां शहर जैसी रोशनी नहीं होती है वहां आसमान में झिलमिलाते सितारे, रोशनी बिखेरता चंद्रमा ईश्वर द्वारा इस सुंदर प्रकृति के जवले को वर्णन करते हैं।
पवित्र क़ुरआन विभिन्न सुंदर व्याख्याओं के साथ आकाश के बारे में वर्णन करता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें सृजन की दुनिया के आश्चर्यचकित करने वाली चीज़ों की ओर ले जाता है। जैसा कि सूरए मुल्क की तीसरी आयत में ईश्वर कहता है कि “ वही जिसने सात आसमान तले ऊपर बनाए हैं, ईश्वर द्वारा पैदा की गई चीज़ों में कोई विरोधाभास और कमी नहीं देखोगे, एक बार फिर देखो क्या कोई अंतर दिखाई देता है”
सूरए नूह की आयत नंबर 15 और 16 में भी आसमान की कुछ आश्चर्यचकित कर देने वाली बातों को बयान किया गया है। “क्या तुम नहीं जानते कि ईश्वर ने कैसे सात आसमान एक के ऊपर एक बनाए हैं और चंद्रमा को आकाश के बीच रोशनी के लिए और सूरज को रौशन चिराग़ बनाया है”
पवित्र क़ुरआन के अनुसार आकाश, ब्रह्मांड की अद्भुत संरचनाओं में से एक है। यह अद्वितीय महान ईश्वर द्वारा पैदा की गई आश्चर्यचकित चीज़ें, मानव जाति को इसके विभिन्न पहलुओं की ओर प्रेरित करती हैं।
क्या आजतक आसमान के रंग के बारे में सोचा है? हो सकता है इस विषय को आप महत्वहीन समझते हों लेकिन सत्य यह है कि यह तमाम चीज़े जो इस दुनिया में है अकारण नहीं है, क्योंकि वह सभी चीज़ें जिनकी ईश्वर ने रचना की है वह उसके ज्ञान और तत्वदर्शिता के आधार पर है।
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम अपने एक साथी मोफज़्ज़ल से आसमान के रंग के बारे में कहते हैं कि “ ऐ मोफ़ज़्ज़ल, आसमान के रंग और उसकी संदुरता के बारे में अध्ययन करो सोचो, क्योंकि यह वह रंग है जो इंसान की आंखों के लिए सबसे अच्छा है और उसकी रोशनी को बढ़ाता है” (RZ)