ईरान में पहली बार क़हवाख़ाने सफ़वी शासन काल में प्रचलित हुए। सन 1523 से 1576 तक जारी रहने वाले शाह तहमास्ब के शासनकाल में क़ज़वीन नगर में पहली बार क़हवाख़ानों का निर्माण हुआ और फिर शाह अब्बास प्रथम के शासन काल में जो 1587 से 1628 तक जारी रहा इसफ़हान नगर में क़हवाख़ानों का बड़ा विकास हुआ।
दमावंद पर्वत की चोटी, अलबुर्ज़ पर्वत श्रंखला के पवर्तों की सबसे ऊंची और भव्य चोटी है।
आपको याद होगा कि पिछले कार्यक्रम में दमावंद ज़िले से आपको परिचित कराया था।
दमावंद ज़िलादमावंद एक हरा भरा इलाक़ा है।
तेहरान प्रांत के क़स्बों में से एक क़स्बा पीशवा है जो तेहरान के दक्षिण पूरब में 45 किलोमीटर और वरामीन से दस किलोमीटर की पर पर्वतांचल में स्थित है।
तेहरान प्रांत के शहरों और क़स्बों के परिचय के परिप्रेक्ष्य में आज हम वरामीन से आप लोगों को परिचित करवायेंगे।
अलबुर्ज़ पर्वत श्रंखला, ईरान के प्राचीन इतिहास की गाथा सुनाती हैं।
रय शहर उत्तर में तेहरान, पश्चिम में इस्लाम शहर, रोबात करीम और ज़रन्दिए, पूरब में वरामीन एवं पाकदश्त और दक्षिण में क़ुम ज़िलों से मिला हुआ है।
इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से समूचे ईरान में जुमे की नमाज़ नियमित और वैभवशाली ढंग से आयोजित होती है।
तेहरान संसार के प्रमुख महानगरों में से एक है और इसमें जगह जगह बड़े सुंदर पार्क बने हुए हैं।