Pars Today
इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम, इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम के सुपुत्र थे।
इमाम सज्जाद ने इस्लामी समाज में लोगों के आध्यात्मिक निर्माण के लिए अथक प्रयास किये।
इमाम हुसैन (अ) के मार्ग को स्पष्ट करते हुए ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई कहते हैं, इस्लाम की महान विरासत को बचाने के लिए इमाम हुसैन (अ) हर मार्ग को अपना सकते हैं।
इमाम हसन अलैहिस्सलाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम के सुपुत्र थे।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई, पैग़म्बरे इस्लाम की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा अलैहस्सलाम के महान व्यक्तित्व के बारे में कहते हैं।
इतिहास के मुताबिक़, हज़रत फ़ातेमा ज़हरा की उम्र बहुत कम थी।
हज़रत अली (अ) द्वारा ख़िलाफ़त की ज़िम्मेदारी संभालने के बाद, कुछ विरोधी गुटों ने सिर उठाना शुरू कर दिया।
तीसरे ख़लीफ़ा उसमान की मौत के बाद मुसलमानों ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम की बैअत की और हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने लोगों को बहुत अधिक आग्रह के कारण शासन संभाल लिया।
शिया मुसलमानों के पहले इमाम और पैग़म्बरे इस्लाम (स) के दामाद व उत्तराधिकारी हज़रत अली (अ) ने अंतिम ईश्वरीय दूत हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा (स) के बाद के बदलते हालात और परिस्थितियों को इन शब्दों में बयान किया हैः मानो मेरी आँखों और गले में कोई कांटा अटका हुआ हो।
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के उत्तराधिकारी हज़रत अली अलैहिस्सलाम के असंख्य गुणों में से कुछ का उल्लेख किया था।