क्या राम निर्जीव हो गए जो उनकी प्रांण प्रतिष्ठा की ज़रूरत पड़ीः मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि सत्ता में बैठे लोग अपने पाप छिपाने के लिए राम लला की प्रांण प्रतिष्ठा के ड्रामे का सहारा ले रहे हैं।
भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि क्या राम निर्जीव हो गए थे जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी है? उनका कहना था कि जो पहले से जीवित है उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी? कहा जाता है कि इससे पहले भी मौर्य हिंदू धर्म के विरोध में बयान दे चुके हैं।
मौर्य ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवाल उठाते हुए यूपी विधान परिषद में कहा कि क्या राम निर्जीव हो गए थे जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी है। जो पहले से जीवित है उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी?
इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने गाजीपुर में एक सभा के दौरान कहा था कि देश में बेरोजगारी पर कोई चर्चा न करे इसलिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह जैसे ड्रामे किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की पूजा तो हजारों साल से हो रही है। हजारों साल से जिनकी पूजा लोग कर रहे हैं उनके अंदर प्राण प्रतिष्ठा की अब क्या जरूरत है?
स्वामी प्रसाद मौर्य के अनुसार सत्ता में बैठे लोग अपने पाप छिपाने के लिए ऐसे ड्रामे का सहारा ले रहे हैं। अगर यह वास्तव में कोई धार्मिक आयोजन होता तो इसमें चारों शंकराचार्य भी होते। भाजपा सरकार को केवल बड़े पूंजीपतियों की चिंता है। उन्हें छोटे कारोबारियों और गरीबों की कोई चिंता नहीं हैं।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा सिर्फ भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बनकर रह गया। भाजपा सरकार जनता के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। वह विरोधियों की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है।
आपको बता दें कि इससे पहले भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि हिंदू जैसा कोई धर्म ही नहीं है। मौर्य के बयानों को लेकर कई नेता उनका विरोध कर रहे हैं।