ईरानः क्षेत्र में समुद्री ट्रांसपोर्ट की सुरक्षा का समर्थन करते हैं, अमरीका और ब्रिटेन को हमारी नसीहत है कि यमन पर हमले रोक दें
इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने तेहरान यात्रा पर आए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईरान अपनी पूरी ताक़त से क्षेत्र के समुद्री परिवहन की सुरक्षा का समर्थन कर रहा है।
दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाक़ात में आपसी सहयोग के साथ ही क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री की तेहरान यात्रा तेहरान और नई दिल्ली के आपसी सहयोग के विस्तार की दिशा में अहम क़दम है, पुराने मित्र देशों की हैसियत से हमने बहुत अच्छी बातचीत की है, चाबहार बंदरगाह को विकसित करने, उत्तर दक्षिण कारीडोर और आपसी सहयोग बढ़ाने के बारे में चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि ईरान जंग का दायरा बढ़ने पर अंकुश और जल परिवहन की सुरक्षा पर ज़ोर देता रहा है और इस पर यमन की नेशनल सैल्वेशन सरकार की भी ताकीद है लेकिन लाल सागर में तनाव की जड़ ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के हाथों जारी नस्लीय सफ़ाया है।
अमीर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि यह तो नहीं हो सकता कि अमरीका एक तरफ़ दाइश का गठन भी करे और दूसरी तरफ़ आतंकवाद से संघर्ष का दावा भी करे, यह नहीं हो सकता कि अमरीका ज़ायोनी शासन के हाथों जारी नरसंहार में हाथ भी बटाए और दूसरे देशों से कहे कि वे फ़िलिस्तीनियों का समर्थन न करें। उन्होंने कहा कि अमरीका रट लगाए हुए है कि जंग का दायरा नहीं बढ़ाना चाहता मगर साथ ही यमन पर फ़ौजी हमला भी करता है।
भारत के विदेश मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत अच्छी बातचीत हुई और अब राष्ट्रपति रईसी और राष्ट्रीय सुरक्षा की सुप्रीम काउंसिल के सेक्रेट्री से मुलाक़ात होगी।
उन्होंने कहा कि मैं इस यात्रा में ईरानी जनता को किरमान के आतंकी हमले के संदर्भ में सांत्वना देना चाहता हूं।
एस जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति रईसी और प्रधानमंत्री मोदउ की मुलाक़ातें हो चुकी हैं और दोनों के बीच संपर्क बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत और ईरान ने राजनैतिक और आर्थिक क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया है। एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने फ़ार्सी भाषा को अपनी युनिवर्सिटियों के स्लेबस में शामिल रखा है।
भारतीय विदेश मंत्रश्र ने कहा कि चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के विषय में हमारा समान दृष्टिकोण है हमने आइंदा बर्सों के लिए अच्छा रोडमैप बनाया है, हमें संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा करनी होगी दोनों ही देशों को पश्चिमी एशिया के हालात पर चिंता है। उन्होंने कहा कि हम जहाज़रानी की सुरक्षा पर ज़ोर देते हैं, भारत के क़रीब भी हमें कुछ हमले देखने को मिले यह चिंता का विषय है इसका भारत के आर्थिक और ऊर्जा हितों पर पुरा असर पड़ा है।
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