Jul ०४, २०२३ १३:०५ Asia/Kolkata

तुर्किए की ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेन्सी "एमआईटी" ने ज़ायोनी ख़ुफ़िया सेवा के जासूसों के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की गिरफ्तारी की सूचना दी है।

तुर्किए की राष्ट्रीय ख़ुफ़िया एजेन्सी "एमआईटी" ने घोषणा की है कि उसने तुर्किए में ज़ायोनी शासन से संबंधित जासूसी नेटवर्क को नष्ट कर दिया है।

इस नेटवर्क को 1999 में जन्मी "प्रियांशी पटेल कुल्हारी" नामक एक इंटरनेट जासूसी कंपनी के निदेशक के माध्यम से संचालित और निर्देशित किया गया है।

तेल अवीव से निर्देशित इस नेटवर्क के सदस्य मुख्य रूप से फ़िलिस्तीनी, लेबनानी और सीरियाई मूल के अरब थे। एमआईटी की इस्तांबुल शाखा ने एलान किया है कि वह पिछले महीनों से इस्राईली जासूसी नेटवर्क की निगरानी कर रही थी।

यह पहली बार नहीं है कि तुर्किए में इस्राईल की जासूसी गतिविधियों का ख़ुलासा हुआ है। इससे पहले कई अवैध प्रयासों के मामले, विशेष रूप से तुर्किए में नस्लभेदी ज़ायोनी शासन की जासूसी गतिविधियों की पहचान की गई थी।

रजब तैयब अर्दोग़ान की सरकार और ज़ायोनी शासन के बीच सुरक्षा सहयोग के आधिकारिक एलान के दृष्टिगत ऐसा लगता है कि तुर्किए के सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर क्षेत्र और दुनिया के किसी भी देश के ख़िलाफ़ इस्राईली जासूसी गतिविधियों को उजागर करते हैं ताकि कुछ आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश कर सकें।

उदाहरण स्वरूप तुर्किए की खुफिया सेवा ने इस साल मई में एलान किया था कि तुर्किए की ख़ुफ़िया एजेन्सी ने ईरान के ख़िलाफ़ काम करने वाले एक जासूस नेटवर्क को नष्ट कर दिया है जिसे मोसाद द्वारा निर्देशित किया जा रहा था।

इससे पहले इस्राईल के साथ संबंध बहाल करने के अंकारा के प्रयासों के चरम के दौरान, तुर्किए की सरकार ने एलान की थी कि उसने एक इस्राईली जासूसी नेटवर्क को नष्ट कर दिया है जो सरकारी स्थानों और अर्दोग़ान के आवासों की पहचान करने में व्यस्त था।

यह स्पष्ट है कि तुर्किए में इस्राईल की जासूसी गतिविधियां इस शासन के तुर्किए को विभाजित करने के प्रयासों का संकेत देती हैं। यह संभावना नहीं है कि अर्दोग़ान सरकार के शासन के दौरान तुर्किए का विभाजन होगा लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि तुर्किए में सरकार की तब्दीली, तुर्किए में इस्राईली जासूसों द्वारा एकत्र की गई जानकारी से हासिल होगी।

इस संबंध में तुर्किए के पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय नजमुद्दीन अर्बकान ने 1992 में कहा था कि अमेरिका और इस्राईल उत्तरी इराक के कुर्द क्षेत्रों में एक स्वायत्त क्षेत्र बनाने की योजना बना रहे हैं जो पूरी तरह से उनका आज्ञाकारी होगा और उसके बाद फिर उस संरचना का विस्तार तुर्किए के दक्षिणीपूर्वी क्षेत्रों की ओर किया जाएगा । (AK)

 

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