ब्रिटेन में फिर गहरा सकता है राजनीतिक संकट, पार्टी करते पकड़े गए बोरिस जॉनसन, मांगी माफ़ी, लेकिन सांसद इस्तीफ़े पर अड़े
(last modified Fri, 27 May 2022 05:12:44 GMT )
May २७, २०२२ १०:४२ Asia/Kolkata
  • ब्रिटेन में फिर गहरा सकता है राजनीतिक संकट, पार्टी करते पकड़े गए बोरिस जॉनसन, मांगी माफ़ी, लेकिन सांसद इस्तीफ़े पर अड़े

ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंज़रवेटिव पार्टी के दो और सांसदों ने गुरुवार को पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन से ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने की मांग की। पार्टीगेट मामले में आई जांच रिपोर्ट में कई शीर्ष अधिकारियों सहित बोरिस जॉनसन को कार्यालय में नियमों के उल्लंघन की ‘संस्कृति’ का दोषी ठहराया गया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ब्रिटेन में एक बार फिर राजनीतिक संकट गहराता नज़र आ रहा है। पार्टीगेट मामले की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद से ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर इस्तीफ़े को लेकर दबाव बढ़ने लगा है। ब्रिटेन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी “सू ग्रे ने पार्टीगेट मामले की रिपोर्ट तैयार की है। बुधवार को जारी हुई इस रिपोर्ट को लेकर बोरिस जॉनसन ने संसद में माफी मांगी और कहा कि वह सबकी ज़िम्मेदारी लेते हैं। वह डाउनिंग स्ट्रीट और कैबिनेट कार्यालय में कोरोना लॉकडाउन क़ानून तोड़ने वाली पार्टियों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस रिपोर्ट के आने के बाद न केवल ब्रिटेन में विपक्ष को एक और मौक़ा मिल गया है, बल्कि बोरिस जॉनसन की ख़ुद की पार्टी के भीतर उनके इस्तीफ़े की मांग तेज़ हो गई है। टोरी के सांसद जॉन बैरन और डेविड सिममंड्स ने बैकबेंच सहयोगी जूलियन स्टर्डी के साथ बोरिस जॉनसन के इस्तीफ़े की मांग करते हुए कहा कि यह नए नेतृत्व का समय है।

ब्रिटिश संसद में बोलते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन

वहीं, दूसरी तरफ कुछ मंत्री अपने नेता का बचाव भी कर रहे हैं। संसद में विपक्षी लेबर पार्टी की भारतीय मूल की लिसा नंदी ने यूके की प्रधानमंत्री पर पार्टीगेट के लिए जूनियर स्टाफ़ को "ज़िम्मेदारी सौंपने" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफ़सोस नहीं है कि उन्होंने ऐसा किया, उन्हें खेद है कि वह पकड़े गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह विनयपूर्ण थे और उन्होंने एक सबक़ सीखा था लेकिन अब यह आगे बढ़ने और सरकार की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। बता दें कि ब्रिटेन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सू ग्रे की यह बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट बुधवार 25 मई को जारी की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया, महामारी के समय ऐसी संस्कृति के लिए वरिष्ठ नेतृत्वकारी दल को ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए, जिसने कार्यक्रमों को होने दिया, जिनका आयोजन नहीं होना चाहिए था। ग़ौरतलब है कि इन सभी पर कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनज़र लागू लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर सरकारी कार्यालयों में पार्टी करने का आरोप है। इस मामले को पार्टीगेट क़रार दिया गया है। (RZ)

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