यूक्रेन युद्ध में रूस के पीछे हटते क़दम, कहीं आने वाले तुफ़ान की तैयारी तो नहीं!
यूक्रेन युद्ध के बीच लगातार यह ख़बरें सामने आ रही हैं कि रूसी सेना पीछे हट रही है और वहीं यूक्रेन की सेना ने कई ऐसे इलाक़ों पर वापस नियंत्रण कर लिया है कि जिसपर रूसी सेना ने क़ब्ज़ा कर लिया था। इस बीच काला सागर से रूसी पनडुब्बियों के किसी दूसरे स्थान पर जाने की सूचना ने सबको चौंका दिया है, वहीं कई सवाल भी उभर कर सामने आए हैं।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच ही ब्रिटिश सूत्रों द्वारा एक बड़ी जानकारी दी गई है। ब्रिटेन की ओर से जानकारी दी गई है कि रूस की नौसेना ने अपनी काला सागर बेड़े में शामिल कुछ पनडुब्बियों को किसी और जगह पर तैनात करना शुरू कर दिया है। जानकारी में कहा गया है कि रूसी नौसेना ने किलो क्लास की पनडुब्बियों को इस डर से हटाया है कि कहीं यूक्रेन की लंबी दूरी के हथियार उन्हें निशाना न बना दें। मंगलवार को डेली ब्रीफिंग में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बात के बारे में बताया गया। मंत्रालय ने कहा कि इन पनडुब्बियों को रूस ने क्रास्नोदर क्राई की ओर भेजे है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ख़तरे के अंदेशे के चलते स्थानीय सुरक्षा के स्तर में बदलाव किया गया है। यूक्रेन ने लंबी दूरी तक हमले करने की अपनी क्षमताओं में वृद्धि किया है और यही वजह है कि इन पनडुब्बियों को हटाया गया है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि हाल के दो महीनों में बेड़े के हेडक्वार्ट्स और इसकी मुख्य नौसैनिक एयरफील्ड पर यूक्रेन की ओर से हमले हुए हैं। मंत्रालय की मानें तो क्रीमिया में ब्लैक सी फ्लीट, साल 2014 ही इस बात की गारंटी थी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतीन को इस प्रायद्वीप को यूक्रेन से अलग कर सकते हैं। यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस की आक्रामकता के चलते बेस की सुरक्षा पर फिलहाल ख़तरा है। वहीं कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मनना है कि जिस अंदाज़ में रूस यूक्रेन युद्ध में अपने क़दम पीछे खींच रहा है उससे एक और अंदेशा होता है कि कहीं यह रूस की युद्ध की स्ट्रैटेजी तो नहीं है। जानकारों का मानना है कि शुरूआत में ऐसा नहीं लगा था लेकिन अब रूसी सेना की गतिविधियों से ऐसा लगने लगा है कि वह एक स्ट्रैटेजी के तहत इस तरह के क़दम उठा रही है। (RZ)
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