बीबीसी के अध्यक्ष ने इस्तीफ़ा क्यों दिया, सरकार के लिए क्यों मुसीबत बना है यह मुद्दा?
ब्रिटेन की राजशाही व्यवस्था के अधीन काम करने वाली ब्रिटिश न्यूज़ संस्था ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन बीबीसी एक बार फिर अपने अध्यक्ष के इस्तीफ़े के बाद चर्चा में है।
बीबीसी के अध्यक्ष पर पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए ऋण की व्यवस्था करने में नियमों को ताक़ पर रखने का दोषी पाया गया जिसके बाद बीबीसी के अध्यक्ष रिचर्ड शार्प ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफ़ा देने का एलान कर दिया थ।
फ़्रांसीसी समाचार एजेन्सी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार शार्प ने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर वह अपने कार्यकाल के अंत तक इस पद पर बने रहते तो यह मामला उनकी संस्था के अच्छे कामों से ध्यान भटकाने वाला हो सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि शार्प ने अपनी भागीदारी को सामने न लाकर सार्वजनिक नियुक्तियों के लिए शासन संहिता का उल्लंघन किया। शार्प ने दावा किया है कि यह उल्लंघन उनसे अनजाने में हुआ था।
बीबीसी के वर्तमान अध्यक्ष ने पहले स्वीकार किया था कि उन्होंने देश के सबसे वरिष्ठ सिविल सेवक, कैबिनेट सचिव साइमन केस और मिस्टर जॉनसन के दूर के चचेरे भाई सैम बेलीथ के बीच एक बैठक आयोजित कराई थी जिन्होंने 2020 के अंत में तत्कालीन पीएम को वित्तीय सहायता प्रदान करने की पेशकश की थी।
उस बैठक के समय शार्प ने पहले ही बीबीसी की नौकरी के लिए आवेदन कर दिया था। जांच में पाया गया कि वह दो संभावित हितों के टकराव को सामने लाने में विफल रहे हैं, पहला उस समय के मौजूदा प्रधानमंत्री जॉनसन को यह बताकर कि वह ऐसा करने से पहले बीबीसी की नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते थे, और दूसरा पीएम को बताकर उन्होंने मिस्टर ब्लीथ और मिस्टर केस के बीच एक बैठक आयोजित करने का इरादा किया। (AK)
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