ब्रिटिश मुसलमानों ने दिखाई ताक़त, राजनीति के मैदान में अपना लोहा मनवाया
(last modified Sun, 14 Jul 2024 12:21:01 GMT )
Jul १४, २०२४ १७:५१ Asia/Kolkata
  • मुस्लिम, ब्रिटिश राजनीति के मैदान में एक प्रभावी और रचनात्मक ताक़त
    मुस्लिम, ब्रिटिश राजनीति के मैदान में एक प्रभावी और रचनात्मक ताक़त

पार्सटुडे- लंदन इस्लामिक मानवाधिकार आयोग के प्रमुख ने मुसलमानों को ब्रिटिश राजनीतिक मैदान में एक प्रभावी शक्ति बताया।

ब्रिटेन में मुसलमानों का आगमन एक सदी से भी पहले हुआ था और उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस देश में मुस्लिम आबादी लगभग चार मिलियन पहुंच गयी है।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लंदन इस्लामिक मानवाधिकार आयोग के प्रमुख मसऊद शजरा ने हालिया ब्रिटिश आम चुनावों में मुस्लिम वोटों के प्रभाव का ज़िक्र करते हुए कहा: ब्रिटिश राजनीतिक मैदान में एक प्रभावी शक्ति के रूप में इस क्षमता को अधिकतम प्रभाव के लिए व्यवस्थित किया जाना चाहिए।

श्री शजरा ने कहा: हालिया चुनावों में मुसलमानों के असंतोष के कारण ब्रिटिश लेबर पार्टी के कई प्रतिनिधियों को जीत नसीब नहीं हुई इससे देश के राजनीतिक मैदान में एक नये अध्याय का पता चलता है।

लंदन इस्लामिक मानवाधिकार आयोग के प्रमुख ने ब्रिटिश मुस्लिम काउंसिल जैसे संगठनों की स्थापना पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि मुस्लिम समाज एक विशिष्ट ढांचे के तहत "अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करते हैं और उन्हें समाज के सामने पेश करते हैं"।

ब्रिटिश लेबर पार्टी ने 4 जुलाई के आम चुनाव में हाउस ऑफ कॉमन्स में भारी बहुमत से सीटें जीतकर पांच साल के लिए सरकार की कमान संभाल ली है।

इस पार्टी ने ऐसी स्थिति में चुनाव जीता जहां ब्रिटिश जनता ख़राब आर्थिक स्थिति, ज़्यादा कीमतों, मंहगाई, अपराधी ज़ायोनी शासन के समर्थन और लेबर पार्टी की नीतियों का विरोध करने के लिए चुनाव मैदान में उतरी और आख़िरकार 14 साल बाद कंज़रवेटिव शासन का अंत हो गया।

 

कीवर्ड्ज़: ब्रिटेन में मुसलमानों की स्थिति, मसऊद शजरा, ब्रिटिश लेबर पार्टी, ब्रिटिश मुस्लिम आबादी (AK)

 

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