क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-808
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-808
تَنْزِيلَ الْعَزِيزِ الرَّحِيمِ (5) لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَا أُنْذِرَ آَبَاؤُهُمْ فَهُمْ غَافِلُونَ (6)
(हे पैग़म्बर! यह क़ुरआन) प्रभुत्वशाली व अत्यन्त दयावान (ईश्वर) का भेजा हुआ है। (36:5) ताकि आप ऐसी जाति (के लोगों) को सावधान करें जिसके बाप-दादा को सावधान नहीं किया गया था (और) इस कारण वे निश्चेतना में पड़े हुए हैं। (36:6)
لَقَدْ حَقَّ الْقَوْلُ عَلَى أَكْثَرِهِمْ فَهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ (7)
उनमें से अधिकतर लोग (दंड) के आदेश के लायक़ हो चुके हैं इसी लिए वे ईमान नहीं लाते। (36:7)
إِنَّا جَعَلْنَا فِي أَعْنَاقِهِمْ أَغْلَالًا فَهِيَ إِلَى الْأَذْقَانِ فَهُمْ مُقْمَحُونَ (8) وَجَعَلْنَا مِنْ بَيْنِ أَيْدِيهِمْ سَدًّا وَمِنْ خَلْفِهِمْ سَدًّا فَأَغْشَيْنَاهُمْ فَهُمْ لَا يُبْصِرُونَ (9)
हमने उनकी गर्दनों में तौक़ डाल दिए हैं जिनसे वे ठुड्डियों तक जकड़े हुए हैं इस लिए वे सिर उठाए खड़े हैं। (36:8) और हमने उनके आगे एक दीवार खड़ी कर दी है और एक दीवार उनके पीछे खड़ी कर दी है। तो इस तरह हमने उन्हें ढाँक दिया है इस लिए उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता। (36:9)