Jun २१, २०२१ १७:४० Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-813

سُبْحَانَ الَّذِي خَلَقَ الْأَزْوَاجَ كُلَّهَا مِمَّا تُنْبِتُ الْأَرْضُ وَمِنْ أَنْفُسِهِمْ وَمِمَّا لَا يَعْلَمُونَ (36)

हर प्रकार के दोष से पवित्र है वह हस्ती जिसने हर प्रकार के जोड़े पैदा किए चाहे वे धरती की वनस्पतियों में से हों या स्वयं उनकी अपनी जाति (मानवों) में से हों या फिर उन चीज़ो में से, जिनको ये जानते तक नहीं। (36:36)

وَآَيَةٌ لَهُمُ اللَّيْلُ نَسْلَخُ مِنْهُ النَّهَارَ فَإِذَا هُمْ مُظْلِمُونَ (37) وَالشَّمْسُ تَجْرِي لِمُسْتَقَرٍّ لَهَا ذَلِكَ تَقْدِيرُ الْعَزِيزِ الْعَلِيمِ (38) وَالْقَمَرَ قَدَّرْنَاهُ مَنَازِلَ حَتَّى عَادَ كَالْعُرْجُونِ الْقَدِيمِ (39) لَا الشَّمْسُ يَنْبَغِي لَهَا أَنْ تُدْرِكَ الْقَمَرَ وَلَا اللَّيْلُ سَابِقُ النَّهَارِ وَكُلٌّ فِي فَلَكٍ يَسْبَحُونَ (40)

और उनके लिए एक (दूसरी) निशानी, रात है। हम उस पर से दिन को खींच लेते हैं तो उन पर अँधेरा छा जाता है। (36:37) और सूरज अपने नियत ठिकाने की ओर चला जा रहा है। यह प्रभुत्वशाली और ज्ञानी (ईश्वर) का बाँधा हुआ हिसाब है। (36:38) और रहा चांद, तो उसकी मंज़िलें हमने निर्धारित कर दी हैं, यहाँ तक कि वह उनसे गुज़रता हुआ खजूर की सूखी, अर्ध गोलाकार टहनी की तरह रह जाता है। (36:39) न सूरज के बस में है कि वह चाँद को जा पकड़े और न रात, दिन से आगे बढ़ सकती है। सब एक-एक निर्धारित कक्षा में तैर रहे हैं। (36:40)

وَآَيَةٌ لَهُمْ أَنَّا حَمَلْنَا ذُرِّيَّتَهُمْ فِي الْفُلْكِ الْمَشْحُونِ (41) وَخَلَقْنَا لَهُمْ مِنْ مِثْلِهِ مَا يَرْكَبُونَ (42) وَإِنْ نَشَأْ نُغْرِقْهُمْ فَلَا صَرِيخَ لَهُمْ وَلَا هُمْ يُنْقَذُونَ (43) إِلَّا رَحْمَةً مِنَّا وَمَتَاعًا إِلَى حِينٍ (44)

और इनके लिए एक (अन्य) निशानी यह है कि हमने इनके वंश को भरी हुई नौका में सवार किया (36:41) और फिर इनके लिए वैसी ही नौकाएं और पैदा कीं जिन पर ये सवार होते हैं। (36:42) और अगर हम चाहें तो इन्हें डूबो दें। फिर न तो इनकी फ़रियाद सुनने वाला हो और न इन्हें किसी तरह बचाया जा सके (36:43) सिवाय यह कि एक बार फिर ये हमारी कृपा के पात्र बनें और एक निर्धारित समय तक (जीवन से) लाभान्वित होते रहें। (36:44)

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